MP Mukhymantri Kanyadan Yojana: मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान तक पहुंची. इस वजह से दमोह जिले में कमिश्नर और कलेक्टर रविवार को भी दफ्तर खुलवाकर दहेज का सामान चेक करते रहे. जांच में नव विवाहित जोड़ों को दिये जाने वाले तीन सामान घटिया क्वॉलिटी के निकले. इस मामले में जनपद पंचायतों के दो लापरवाह सीईओ के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं.


सीएम से की गई थीं शिकायतें


बता दें कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में लगातार गड़बड़ी की शिकायतें आती रही हैं. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन मामलों पर नाराजगी जता चुके हैं, लेकिन फिर भी हालात नहीं सुधर रहे. ताजा मामला दमोह जिले में 9 दिसंबर को इस योजना के तहत हुए विवाह आयोजन में गड़बड़ी का है. यहां शादियों में दिए जाने वाले दहेज के सामान के घटिया होने की शिकायतें मिलीं.


पहले लोगों ने प्रशासन को इसकी शिकायत की, लेकिन जिम्मेदार खामोश रहे. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज ने खुद इस मामले को संज्ञान में लिया, जिसके बाद कलेक्टर को फटकार लगी. इसके बाद जो हुआ वो शायद इससे पहले दमोह जिले में कभी नहीं हुआ था. देर रात तक सागर कमिश्नर मुकेश शुक्ला की मौजूदगी में कलेक्ट्रेट के मीटिंग हॉल में दहेज का सामान लाया गया. कमिश्नर ने बारी-बारी से जेवर, पलंग, बर्तन, पंखा, अलमारी, कुर्सी, घड़ी सब चेक किया और फिर दोषियों पर कार्रवाई का दम भी भरा.


विवाह कार्य्रकम में घटिया क्वालिटी का सामान


दरअसल, 9 दिसंबर को दमोह के गल्ला मंडी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह कार्य्रकम किया गया था. इसमें दिए जाने वाले दहेज यानी सरकारी उपहार की क्वालिटी पर सवाल उठे, जिसकी लोगों ने शिकायत की थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दमोह के दौरे पर थे तो लोगों ने इस मामले की शिकायत उनसे कर दी. सीएम ने मौके पर ही कमिश्नर-कलेक्टर को तलब किया. सीएम ने अधिकारियों को फटकार लगाई और रविवार को ही जांच के आदेश दिए.


इसके बाद शाम को सीएम के जाने के बाद कमिश्नर ने कलेक्ट्रेट के मीटिंग हॉल में तमाम अधिकारियों और आयोजन करने वाली समितियों को बुलाया. दहेज या उपहार में दिए गए तमाम सामान और सप्लाई से पहले दिए गए सेंपल को मंगवाया गया. फिर खुद कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने एक-एक सामान की जांच पड़ताल की. देर रात तक चली जांच पड़ताल के बाद कमिश्रर ने टेबल फेन, दीवार घड़ी और साड़ी की क्वालिटी में गड़बड़ी पाई.


सागर कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने कहा कि जांच के बाद ही एजेंसियों को सामान का भुगतान किया जायेगा. फिर से सही गुणवत्ता युक्त सामग्री वितरित कराई जायेगी. जनपद स्तरीय समिति एक-एक चीज को देखेगी और फिर वितरित करेगी. कलेक्टर के निर्देशन में सामग्री वितरण की कार्रवाई पूरी की जाएगी. इसके साथ ही दो लापरवाह सीईओ (जनपद दमोह और पथरिया) के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी.


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