Sidhi Urination Case: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में पेशाब प्रकरण के पीड़ित आदिवासी ने राज्य सरकार से इस कृत्य में शामिल आरोपी को रिहा करने का आग्रह किया है. उसका कहना है कि उसे अपनी गलती का एहसास हो गया है. पीड़ित आदिवासी दशमत रावत का कहना है कि उसे अपने गांव में एक सड़क के अलावा और कुछ नहीं चाहिए. इस बीच ब्राह्मणों के एक संगठन ने इस मामले के आरोपी के कृत्य की आलोचना करते हुए उसका घर गिराए जाने की निंदा की है.
दशमत रावत की मांग क्या है
आदिवासी समुदाय से आने वाले पीड़ित दशमत रावत पर पेशाब करने के आरोपी प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था. घटना का एक वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर लिया था.
भारतीय दंड संहिता और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अलावा, शुक्ला के खिलाफ कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत भी कार्रवाई शुरू की गई है. शुक्ला वर्तमान में जेल में बंद है. सीधी में शुक्ला के घर का कथित अवैध हिस्सा भी ध्वस्त कर दिया गया है.
रावत ने शुक्रवार को आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर पत्रकारों से कहा,''सरकार से मेरी मांग है कि (आरोपी द्वारा) गलती की गई है...अब प्रवेश शुक्ला को रिहा किया जाना चाहिए. अतीत में जो कुछ भी हुआ लेकिन उसे अपनी गलती का एहसास हो गया है.''
आरोपी के अपमानजनक कृत्य के बावजूद यह मांग किए जाने के बारे में पूछे जाने पर पीड़ित ने कहा, ;;हां, मैं सहमत हूं...वह हमारे गांव का पंडित है, हम सरकार से उसे रिहा करने की मांग करते हैं.'' रावत ने यह भी कहा कि गांव में एक सड़क के निर्माण के अलावा वह सरकार से और कुछ नहीं मांगते हैं.
सीधी कांड पर गरमाई एमपी की राजनीति
मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. यहां पेशाब प्रकरण ने एक राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आरोपी एक स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक से जुड़ा था. वहीं, बीजेपी ने उससे किसी भी तरह के संबंध से इनकार कर रही है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर पीड़ित के पैर धोए और इस अपमानजनक घटना पर उससे माफी भी मांगी, लेकिन विपक्षी दल ने चौहान के इस कदम को महज नाटक करार दिया.राज्य सरकार ने पीड़ित को पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी मंजूर की है. उसे उसके घर के निर्माण के लिए 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की गई है.
ब्राह्मण संगठन की मांग
वहीं एक ब्राह्मण संगठन ने शुक्रवार को शुक्ला के घर का एक हिस्सा गिराए जाने का विरोध करते हुए कहा कि शुक्ला का कृत्य निंदनीय है लेकिन उसके व्यवहार के लिए उसके परिवार के सदस्यों को दंडित नहीं किया जा सकता है.
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