Datia Wall Collapse: मध्य प्रदेश के दतिया में राजगढ़ किले की जर्जर दीवार गिरने से मलबे के नीचे 9 लोग दब गए थे. लंबे समय तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए दो लोगों को बाहर निकाला जा सका था, लेकिन 7 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. मृतकों में करीब 3 बच्चे भी शामिल हैं. सभी के शव बाहर निकाले जा चुके हैं. बताया जा रहा है कि यह दीवार करीब 400 साल पुरानी है, जो कि भारी बारिश के बीच अचानक ही गिर गई. 


इससे पहले कि लोग कुछ सुध ले पाते, 3 परिवारों के 9 सदस्य मलबे के नीचे दब गए. एसडीआरएफ टीम के संज्ञान में मामला आते ही सुबह से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था. इस दौरान दो लोगों को सकुशल निकाला गया, लेकिन बाकियों की जान नहीं बचाई जा सकी. मौके पर कलेक्टर संदीप मकीन, एसपी वीरेंद्र कुमार मिश्रा, कोतवाली टीआई धीरेंद्र मिश्रा सहित SDRF की टीम मौजूद रहे.






3 परिवार के लोग दबे
इस जर्जर दीवार में 3 परिवारों के लोग दबे हुए हैं, जिनमें निरंजन नामक व्यक्ति के परिवार में 55 वर्षीय निरंजन वंशकार, पत्नी ममता निरंजन, राधा पिता निरंजन दबे हुए हैं. वहीं, सूरज पिता निरंजन और शिवम पिता निरंजन की पहले ही मौत हो गई थी. इसी तरह किशन के परिवार में किशन पिता पन्नालाल, प्रभा पत्नी किशन भी मलबे में दबी है और मुन्ना के परिवार में मुन्ना पिता खित्ते वंशकार, आकाश पिता मुन्ना वंशकार को सकुशल निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया है. 


दतिया में बीते 30 घंटे से बारिश हो रही है. बताया जा रहा है कि लगातार बारिश की वजह से यह दीवार कमजोर हो गई और भरभरा कर गिर गई.


साल 1629 में बनी थी दीवार
'दीवार शहर पनाह' के नाम से जानी जाने वाली यह दीवार साल 1629 में बनाई गई थी. इस दीवार पर चार दरवाजे और सात खिड़कियां बनी थीं. रिंग रोड बनाने के प्रोजेक्ट प्लान के तहत इस दीवार को ढहाया जाना था. हालांकि, इसके आसपास हुए कब्जे की वजह से मुश्किलें आ रही थीं. 


संकरा रास्ता होने के चलते बचाया नहीं जा सका
सीएम मोहन यादव ने दतिया हादसे को लेकर शोक जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा, "दतिया में राजगढ़ किले की पुरानी दीवार ढहने से कई अनमोल जिंदगियों की मृत्यु का समाचार अत्यंत ही पीड़ादायी है. दुःख की इस घड़ी में हम सभी शोकाकुल परिवारों के साथ हैं. घटना की सूचना मिलते ही SDRF तथा जिला प्रशासन की टीम द्वारा तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था, लेकिन संकरा रास्ता होने की वजह से अथक प्रयासों के बावजूद भी इन अनमोल जिंदगियों को बचाया नहीं जा सका.


4-4 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान
सीएम ने आगे लिखा, "मृतकों के परिवारजनों को ₹4-4 लाख की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं. परमपिता परमात्मा से दिवंगतों की पुण्यात्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने व शोकाकुल परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं."


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