ग्वालियर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) संभाग के डबरा नगर के गोमतीपुरा निवासी जगदीश सैनिक कोर्ट में बाबू हैं. उनकी बेटी कंचन सैनिक लंबे समय से सिविल जज की परीक्षा दे रही थीं. उन्हें कई बार असफलता मिली. इस बार कंचन ने एक बार फिर पूरे मनोयोग से परीक्षा (Examination) दी. परिणाम सार्थक आए और कंचन का चयन सिविल जज पद के लिए हो गया है. कंचन की इस सफलता पर उनके परिजनों के साथ-साथ उनके गृहनगर के लोगों में भी खुशी की लहर दौड़ गई है.


अपनी सफलता पर कंचन सैनिक ने क्या कहा


कहते हैं कि अगर कुछ कर गुजरने की इच्छा हो या अपने लक्ष्य के प्रति जुनून तो कोई भी कार्य कठिन नहीं रह जाता है. ऐसा ही कारनामा डबरा नगर की बेटी कंचन ने कर दिखाया है. कंचन बुधवार को अपने गृह नगर पहुंचीं. वहां उनके परिजनों और नगर वासियों ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका फूल-माला पहनाकर स्वागत किया. लोगों ने उनका मुंह मीठा कराया. उनके घर पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया. 


कंचन सैनिक ने बताया कि वह कई बार परीक्षा देने के दौरान असफल भी हुईं लेकिन कभी हार नहीं मानी. उन्होंने कहा कि जो छात्र तैयारी कर रहे हैं वह कभी हार नहीं माने जैसा कि मैंने नहीं मानी. उन्होंने कहा कि किसी भी काम को करने से पहले यह न सोचें कि वह कार्य नहीं हो पा रहा है. हमें कई बार हताश हाथ लगती है और मन छोटा हो जाता है, लेकिन भगवान कभी हताश नहीं होने देते. उन्होंने कहा कि आज मेरी मेहनत रंग लाई है और जो मुकाम मैं हासिल करना चाहती थी, वह मुझे मिल गया है.उन्होंने इन सबके पीछे मेरे परिजनों और मेरे माता-पिता का हाथ है, जिन्होंने हर समय और हर हाल में मेरा साथ दिया और मेरे साथ खड़े रहे. इसके लिए मैं सभी का दिल से धन्यवाद करती हूं.


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