MP Pensioners Dearness Relief: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पांच लाख पेंशनर्स का दर्द दो राज्य सरकारें नहीं समझ पा रही हैं. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार की बेरुखी के कारण मध्य प्रदेश के पांच लाख पेंशनर्स (Pensioners) को पांच प्रतिशत महंगाई राहत (Dearness Relief) देने का मामला उलझ गया है. मध्य प्रदेश सरकार पेंशनर्स की महंगाई राहत बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ को दो पत्र लिख चुकी है,लेकिन कोई जवाब न आने से निर्णय नहीं हो पा रहा है.
डीआर (DR) न बढ़ने से मध्य प्रदेश के पेंशनर्स को हर महीने 400 से लेकर 4000 रुपए तक का नुकसान हो रहा है.अगर दोनों राज्यों की बात करें तो इससे 6 लाख पेंशनर्स प्रभावित होते हैं. वहीं,वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा (Jagdish Deora) कह रहें है कि छत्तीसगढ़ सरकार से जबाव आते ही महंगाई राहत तुरंत दे दी जाएगी.
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच उलझन के कारण पेंशनर को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है.साल 2000 के पेंशनर्स के 32 महीने के एरियर का भुगतान अभी तक अटका हुआ है. हाई कोर्ट से भी भुगतान के आदेश हो चुके हैं लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ. प्रत्येक पेंशनर को 1.50 से 2 लाख रुपए का भुगतान किया जाना है. इसी तरह सातवें वेतनमान का 27 महीने का एरियर भी दिया जाना है.
एमपी-छत्तीसगढ़ पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बीके बख्शी के मुताबिक 20 साल में राज्य सरकार पुराने और बेकार हो चुके कानूनों की समीक्षा कर रही है. हमारी मांग है कि सरकार इस मामले में भी कदम उठाए क्योंकि दोनों राज्यों के बीच अधिकांश मामलों का निराकरण हो चुका है. पेंशनर्स से संबंधित विलीनीकरण की धारा 49 महज औपचारिकता है.इसके हटने से दोनों राज्य अपने-अपने स्तर पर पेंशनर्स के मामलों का निराकरण कर सकेंगे.