Deepawali 2022: दुनिया भर में दीपावली की धूम, इस मंदिर से होती है त्योहार की शुरुआत
Deepawali पर भगवान Mahakal को नर मुंडो के साथ-साथ नोटों की माला भी पहनाई जाती है. आशीर्वाद महाकालेश्वर मंदिर में दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन को लेकर भी किसी प्रकार से मुहूर्त भी नहीं देखा जाता है.
Deepawali In Ujjain: वैसे तो विश्व भर में दीपावली पर्व की धूम देखने को मिल रही है लेकिन सबसे पहले भगवान महाकाल के दरबार में फुलझड़ी जलाकर इस्तेमाल की शुरुआत होती है. इसके बाद विश्व भर में या त्यौहार मनाया जाता है. यह परंपरा अनादि काल से चली आ रही है.
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सबसे पहले सभी त्योहार मनाए जाते हैं. इसके बाद देशभर में पर्व की शुरुआत होती है. दीपावली के पर्व पर भगवान महाकाल के दरबार में अद्भुत साज-सज्जा की गई. देश विदेश से मंगाए गए फूलों से महाकाल का दरबार सजाया गया.
विश्व प्रसिद्ध भस्म आरती हुई
इसके बाद भगवान महाकाल की दूध, दही, फलों के रस से अभिषेक किया गया. महाकालेश्वर मंदिर के राजपुरोहित और पंडितों द्वारा भगवान महाकाल का भांग सूखे मेवे से आकर्षक श्रृंगार किया गया, जिसके बाद विश्व प्रसिद्ध भस्म आरती हुई.
महाकालेश्वर मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि भगवान महाकाल को तीनों लोकों का राजा माना जाता है, इसलिए सबसे पहले राजा के दरबार से पर्व की शुरुआत होती है. दीपावली पर्व पर भगवान महाकाल के दरबार से शिव और शक्ति दोनों का आशीर्वाद मिलता है.
दीपावली पर्व पर भगवान महाकाल को नर मुंडो के साथ-साथ नोटों की माला भी पहनाई जाती है. आशीर्वाद महाकालेश्वर मंदिर में दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन को लेकर भी किसी प्रकार से मुहूर्त भी नहीं देखा जाता है.
विश्व का पहला अन्नकूट राजाधिराज को अर्पित
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि अन्नकूट की शुरुआत भी महाकाल के दरबार से ही होती है. अक्टूबर माह में नया धान आता है जिसके जरिए भगवान महाकाल के लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार किए जाते हैं. भस्म आरती के दौरान भगवान को सभी व्यंजन का भोग लगाया जाता है. महाकालेश्वर मंदिर में अन्नकूट के बाद अब देश भर के दूसरे मंदिरों में अन्नकूट की भी शुरुआत होगी.