सीहोर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या लंबे समय से शून्य है, लेकिन डेंगू मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. सोमवार को दो नए डेंगू मरीज सामने आए हैं. नसरुल्लागंज और श्यामपुर क्षेत्र में एक-एक मरीज मिला है. इसके साथ ही जिले में डेंगू पाजिटिव मरीजों की संख्या 38 हो गई है. बड़ी संख्या में डेंगू से ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं. वहीं जिले के 35 गांव इससे प्रभावित बताए जा रहे हैं, जो जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. 


लोगों को किया जा रहा जागरुक
मलेरिया विभाग प्रभावित ग्रामों के सर्वे के साथ ही अब फांगिंग, स्प्रे का छिड़काव, खाली स्थानों पर जमा पानी हटाने के साथ ही जागरूकता अभियान चला रहा है. हालांकि मलेरिया अधिकारी ने कहा कि मौसम साफ होते ही डेंगू का प्रभावि निष्क्रिय हो जाएगा. मलेरिया विभाग से मिली जानकारी अनुसार जुलाई माह से अब तक जिले भर में विभागीय अमले द्वारा लगातार सर्वे किया जा रहा है, जिसमें 38 गांव में डेंगू का ज्यादा असर देखने को मिला है, जहां से 350 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 38 डेंगू पाजिटिव सामने आए हैं. वर्तमान में जिले के अलग-अलग ब्लाकों में डेंगू मरीजों की संख्या देखे तो सबसे अधिक मरीज नसरुल्लागंज में 27, आष्टा में 21, बुधनी में 6, इछावर में 7, श्यामपुर में 15 और सीहोर शहरी क्षेत्र में सात मरीज डेंगू पाजिटिव की संख्या अब तक सामने आई है. वहीं मलेरिया की बात करे तो अब तक एक लाख 20 हजार के करीब स्लाइड बनाई गई है, जिसमें से 20 मरीज मिले हैं. 


यह गांव अधिक प्रभावित
मलेरिया विभाग के अनुसार जिले में तो 38 गांव डेंगू प्रभावित हैं, लेकिन इनमें सबसे अधिक प्रभावित सेमरादांगी, छापरी, सनखेड़ी, गुड़भेला, मोगराराम, सिंगारचोली, श्यामपुरा, चौपाटी आष्टा, बड़ा बाजार किलेरामा, बाबड़िया गोवाई, गोपालपुर, चकल्दी, सेमलपानी, बोरखेड़ा, भैरुंदा वार्ड 15, बड़नगर, रेहटी, बुधनी के मानागांव, पांगरा, सनखेड़ी, बक्तरा आदि गांव अधिक प्रभावित हैं, जहां डेंगू का ज्यादा प्रकोप है. 


गांव-गांव में अमला अलर्ट
बड़ी संख्या में जिले के गांव डेंगू प्रभावित हैं. इसके बावजूद भी नाकाफी अमले के साथ मलेरिया विभाग गांव-गांव में अलर्ट है. इस कार्य में विभाग के 12 कर्मचारी, पांच मलेरिया निरीक्षक, एक सहायक मलेरिया अधिकारी, एक लैब टेक्निशियन, एक मलेरिया अधिकारी सहित क्लर्क और भृत्य सर्वे, सैंपलिंग, फील्ड वर्क, फागिंग, लार्वा नष्ट करने सहित जागरूकता के लिए कार्य कर रहे हैं. जिला मलेरिया अधिकारी क्षमा बर्बे ने बताया कि स्टाफ के साथ ही संदिग्ध गांवों में एनएसएस और एनसीसी कैडेट को भी अलर्ट किया गया है. सूचना मिलते ही दल मौके पर पहुंचकर सैंपल लेने के साथ ही फागिंग स्प्रे करता है. 


डॉक्टर्स को मिली थी ट्रेनिंग
पॉजिटिव मरीज के घर के आसपास के सैंपल लेने के साथ ही खाली जगहों पर भरे पानी को हटाया जाता है. वहीं जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मौसम साफ हो रहा है. दीवाली तक डेंगू निष्क्रिय हो जाएगा. उन्होंने बताया कि 21 अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर एक डेंगू वर्कशॉप मेडिकल आफिसरों के लिए आयोजित की थी जिसमें एम्स के डॉक्टर सागर खडंगा ने ट्रेनिंग दी थी. इस वर्कशॉप में बताया गया था कि अधिकारियों को डेंगू मरीज से कैसा बर्ताव और उपचार करना है. इसके बाद जिले भर में अमला सक्रिय होकर ड्यूटी कर रहा है.


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