Lumpy Skin Disease: मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में पशुओं में लंपी वायरस से फैलने वाली बीमारी के संदिग्ध मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. पशुपालन और डेयरी विभाग ने सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को अलर्ट जारी कर दिया है. कई हिस्सों में पशुओं में लंपी बीमारी के लक्षण होने की बात सामने आई है. लंपी स्किन डिजीज पशुओं में होने वाला एक वायरल है, जो पॉक्स वायरस से मवेशियों में फैलता है. बीमारी मच्छरों, मक्खियों के जरिए एक से दूसरे पशुओं तक फैलती है. बीमारी होने पर पशुओं के शरीर पर छोटी-छोटी गठानें बन जाती है जो गांठों में बदल जाती हैं और शरीर पर जख्म नजर आने लगते हैं. इसके बाद पशु खाना कम दे कर देता है और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाती है.
पशुपालन विभाग ने राज्य में जारी किया अलर्ट
रतलाम से दो गांवों में लंपी वायरस के लक्षण सामने आने के बाद पशुपालन विभाग ने राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है. सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को संचालक डॉ आरके मेहिया की ओर से आदेश जारी किया गया है. जारी आदेश में कहा गया है कि किसी पशु में लंपी बीमारी के लक्षण पाए जाने पर नमूने राज्य पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला भोपाल को जांच के लिए भेजे जाएं.
कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकर पर बोला हमला
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने भी ट्वीट कर कहा है प्रदेश के कई जिलों में पशुओं में लंपी बीमारी होने के समाचार लगातार सामने आ रहे हैं. मूक पशु अपनी पीड़ा खुद तो व्यक्त नहीं कर सकते और पशुपालकों की बात सुनने के लिए सरकार के पास समय नहीं है. मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि तत्काल इस विषय में आवश्यक कार्यवाही करे और प्रदेश को इस बीमारी से बचाए.
लंपी स्किन पर माकपा ने भी साधा निशाना
इसी तरह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह नेबयान जारी करते हुए कहा है कि राजस्थान, गुजरात और अन्य पड़ोसी राज्यों के बाद मध्यप्रदेश में भी बड़े पैमाने पर पशुओं में लंपी स्किन बीमारी फैल रही है. इससे न केवल पशु बीमार हो रहे हैं बल्कि उनकी मौतें भी हो रही हैं. मगर अभी तक प्रशासन और सरकार पशुधन के इलाज के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है.
जसविंदर सिंह ने कहा है कि ज्यादातर पशु चिकित्सालय या तो जर्जर और डॉक्टर तथा दवा विहीन हैं और इस बीमारी का मुकाबला करने की स्थिति में नहीं है. माकपा की मांग है कि इस बीमारी से पीड़ित पशुओं का निशुल्क इलाज करने के साथ ही किसानों और पशुपालकों को पशुओं की मौत होने पर उचित मुआवजा दिया जाए.