Sehore News: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद माइनिंग विभाग ने रेत माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई की है. दरअसल, रेत का अवैध कारोबार करने वाले रेत माफिया अब गुंडागर्दी से भी बाज नहीं आ रहे हैं. यह रेत माफिया ग्रामीणों को डरा धमकाकर नर्मदा नदी को छलनी करने में लगे हैं. ग्रामीणों से मिली इसी तरह की शिकायत पर माइनिंग विभाग ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बुधनी विधानसभा क्षेत्र के डिमावर गांव में कार्रवाई करते हुए दो जेसीबी, एक पोकलेन मशीन जब्त की है.


बुधनी विधानसभा के ग्राम डिमावर में नर्मदा नदी से अवैध तरीके से रेत निकाली जा रही थी. मिली जानकारी के मुताबिक, रेत माफिया प्रदीप यादव द्वारा का यहां रेत का अवैध कारोबार किया जा रहा था. ग्रामीणों के अनुसार प्रदीप यादव यहां टेंट तंबू लगाकर खुलेआम रेत का अवैध कारोबार कर रहा है. ग्रामीणों द्वारा विरोध जताने पर उन्हें धमकाया भी जाता है. ग्रामीणों द्वारा प्रदीप यादव की लंबे समय से शिकायत की जा रही थी. ग्रामीणों की शिकायत पर कलेक्टर प्रवीण सिहं के निर्देश पर 8 दिन पहले भी माइनिंग विभाग ने कार्रवाई करते हुए प्रदीप यादव को समझाइश दी थी. इसके बावजूद प्रदीप यादव पर माइनिंग विभाग की ये समझाइश बेअसर साबित हुई और वह लगातार रेत का अवैध कारोबार जारी रखे हुए था.


8 दिन में दूसरी कार्रवाई
प्रदीप यादव द्वारा नर्मदा नदी को नुकसान पहुंचाने के साथ ही सरकार को भी राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा था. इसकी शिकायत डिमावर गांव के ग्रामीणों द्वारा फिर जिला प्रशासन से की गई. जिला प्रशासन के माइनिंग विभाग द्वारा डिमावर गांव पहुंचकर अवैध रेत के कारोबार पर कार्रवाई की गई है. खास बात यह है कि यह कार्रवाई 8 दिन में दूसरी बार हुई है.


ग्रामीणों की शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
माइनिंग विभाग के इंस्पेक्टर संतोष सूर्यवंशी ने जानकारी देते हुए बताया कि डिमावर गांव में प्रदीप यादव द्वारा अवैध तरीके से रेत निकाली जा रही थी. प्रदीप यादव द्वारा करीब 5 एकड़ क्षेत्र से रेत निकाली जा रही थी. प्रदीप यादव ने नर्मदा नदी के पास ही टेंट तंबू लगा रखा था. ग्रामीणों द्वारा शिकायत मिली  थी कि ऐसा करने से रोकने पर उन्हें डराया धमकाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस मामले में ग्रामीणों की शिकायत के बाद कार्रवाई की गई है, कार्रवाई के दौरान मौके से एक पोकलेन, दो जेसीबी सहित एक रोडर जब्त किया गया है. आठ दिन पहले ही प्रदीप यादव को समझाईश दी गई थी, अब दोबारा कार्रवाई की गई है.


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