MP News: भोपाल में देवउठनी एकादशी की धूम, तुलसी-शालिग्राम विवाह की रस्में शुरू, शाम को निकलेगी बारात
Dev Uthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर्व पर गन्ने का विशेष महत्व होता है. आज के दिन गन्ने की पूजा की जाती है. ऐसे में भोपाल में महाराष्ट्र से आए विशेष गन्ने 600 रुपये में 10 बेचे जा रहे हैं.
Dev Uthani Ekadashi 2024: आज मंगलवार (12 नवंबर) को देशभर में देवउठनी एकादशी मनाई जा रही है. हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन शाम के समय घरों और मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. कई जगह तुलसी-शालिग्राम के विवाह के आयोजन भी किए जाते हैं.
इस पर्व पर गन्ने का विशेष महत्व होता है. आज के दिन गन्ने की झोपड़ी बनाकर पूजा की जाती है. ऐसे में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सैकड़ों स्थानों पर गने बिक रहे हैं. यहां महाराष्ट्र से आए विशेष गन्ने 600 रुपये में 10 बेचे जा रहे हैं. मां वैष्णो धाम आदर्श नवदुर्गा मंदिर, बाबा खाटू श्याम मंदिर (प्लेटिनम प्लाजा) के व्यवस्थापक पंडित चंद्रशेखर तिवारी के अनुसार, आज बाबा खाटू श्याम का जन्मोत्सव और तुलसी शालिग्राम विवाह मनाया जाएगा.
इन जगहों पर होंगे तुलसी-शालिग्राम विवाह के आयोजन
इस मौके पर बाबा का 501 किलो फूलों से श्रंगार किया जा रहा है. जबकि कल 13 नवंबर को अन्नकूट महोत्सव भंडारे का आयोजन होगा. इसके अलावा भोपाल में खटलापुरा और शीतलदास की बगिया, लालघाटी स्थित रामानंद संगीत विद्यालय बरखेड़ी स्थित मां कालका दरबार सहित अनेक मंदिरों में तुलसी शालिग्राम विवाह के आयोजन होंगे.
वहीं नेहरू नगर स्थित करुणाधाम आश्रम में तुलसी-शालिग्राम विवाह का आयोजन किया जा रहा है. आज सुबह गुरुदेव पंडित सुदेश शांडिल्य के सानिध्य में गौरी गणेश की पूजा हुई, जबकि दोपहर के समय हल्दी-मेहंदी की रस्म होगी. जबकि शाम को नेहरू नगर चौराहे से भगवान शालिग्राम की बारात बैंडबाजों के साथ निकाली जाएगी.
कब से शुरू होंगे मांगलिक कार्यक्रम?
देवउठनी ग्यारस से विवाह और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है, लेकिन आज विवाह के मुहूर्त नहीं हैं. पंडित गणेश शर्मा के अनुसार, विवाह मुहूर्तों की शुरुआत 16 नवंबर से होगी. इसके बाद 17, 18, 22 से 26 नवंबर तक विवाह और अन्य मांगलिक कार्य हो सकेंगे. इसी तरह दिसंबर में 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 13, 14 और 15 दिसंबर विवाह और अन्य मांगलिक कार्य हो सकेंगे. वहीं जनवरी में 16 से 22, 24, 26, 27 जनवरी को शुभ मुहूर्त हैं. फरवरी में 2, 3, 7, 8, 12, से 16, 19, 21, 22, 23 और 25 फरवरी. जबकि मार्च महीने में 1, 2 और 6 मार्च को विवाह हो सकेंगे.
क्यों मनाई जाती है देवउठनी एकादशी?
देवउठनी एकादशी को लेकर मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार माह के योग निद्रा से जागते हैं, इसलिए इसे देवउठनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी के नाम से जाना जाता है. बता दें आषाढ़ माह में आने वाली देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और फिर कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं.
इस समय को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है. चातुर्मास भी देवउठनी एकादशी के दिन समाप्त हो जाएगी. इसके बाद फिर शादी-विवाह और अन्य शुभ, मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं.