आंगनबाड़ियों की दशा सुधारने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने इसे गोद लेने का नया अभियान शुरू किया है. अब इस अभियान के अच्छे परिणाम भी सामने आने लगे हैं. एमपी के देवास में बीते 15 दिनों में ही 1400 आंगनबाड़ियों को गोद लिया गया है जो कि एक रिकॉर्ड है. देवास की महिला एवं बाल विकास अधिकारी रेलम बघेल ने बताया कि 15 दिन पहले एमपी सरकार ने आंगनबाड़ियों को गोद लेने के लिए अभियान चलाने का निर्देश जारी किया गया था.


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कलेक्टर ने शुरू किया अभियान 


इस निर्देश के बाद देवास के कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने खुद एक आंगनबाड़ी गोद लेकर एक बैठक में जिलेभर की 1860 आंगनबाड़ियों को गोद लेने के लिए अभियान चलाने का निर्देश जारी किया. इसके बाद अन्य अधिकारियों ने भी आंगनबाड़ियों को गोद लेना शुरू किया. ऐसे में यह देखा गया कि छोटे-छोटे गांव तक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने पहुंचकर आंगनबाड़ियों को गोद लेकर अभियान को सफल बनाने की कोशिश की.


नगर निगम कमिश्नर विशाल सिंह चौहान ने बताया कि उन्होंने इटावा के संजय नगर की आंगनबाड़ी को गोद लिया है. इस आंगनबाड़ी में 80 बच्चे हैं. जब वे बच्चों के बीच पहुंचे तो उन्हें काफी खुशी मिली. उन्होंने कहा कि इस अभियान से समाज के हर वर्ग के लोगों को जुड़ना चाहिए. 


आंगनबाड़ी गोद लेने के पीछे ये है उद्देश्य


देवास की महिला एवं बाल विकास अधिकारी रेलम बघेल ने बताया कि आंगनबाड़ी गोद लेने के अभियान से काफी सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ियों के भवन की मरम्मत के लिए सरकार द्वारा हर साल करोड़ों रुपये खर्च किया जाता है. जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा आंगनबाड़ियों को गोद लेने से आंगनबाड़ी की व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग अच्छे से होगी.


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