MP News: मध्य प्रदेश में जल संरक्षण के लिए अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग जागरूकता का परिचय दे रहे हैं. अमृत संचय अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षित करने के लिए बोरी बंधान का निर्माण किया जा रहा है. इसके अलावा सरकार ने दावा किया है कि अमृत सरोवर अभियान के तहत डेढ़ सौ प्रतिशत अधिक लक्ष्य की प्राप्ति हो चुकी है.


"जल है तो कल है", इस स्लोगन के साथ मध्य प्रदेश में अमृत संचय अभियान चलाया जा रहा है.  इस अमृत संचार अभियान के तहत बारिश में एकत्रित हुए जल को सहेजने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं. इसके कई उदाहरण अलग-अलग जिलों में सामने आ रहे हैं. देवास कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने बताया कि अमृत संचय अभियान के तहत देवास जिले में कई जगह बोरी बंधान का निर्माण किया गया है. 






बड़ी मात्रा में जल को सहेजा गया है
देवास जिले की सोनकच्छ जनपद पंचायत के ग्राम कुमारिया राव में जन सहयोग से बोरी बंधान का निर्माण किया गया, जिसके जरिए बड़ी मात्रा में जल को सहेजा गया है.


उन्होंने बताया कि बोरी बंधान जल को सहजने का काफी सस्ता और कारगर उपाय है. इसके जरिए जल रोकने के लिए मिट्टी का उपयोग किया जाता है. मिट्टी को बोरी में भरकर जल रोकने के लिए दो तरफ जमा दिया जाता है और बीच के गैप में भी मिट्टी भर दी जाती है. कई लोग बोरियों में रेत भरकर भी रख देते हैं. इससे बोरी बंधान और भी मजबूत हो जाता है. 


लक्ष्य से 149% अधिक सरोवर
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से दावा किया गया है कि मध्य प्रदेश में अमृत सरोवर अभियान के तहत 3900 सरोवर निर्धारित लक्ष्य रखा गया था. लेकिन इससे 149 प्रतिशत अधिक लक्ष्य की प्राप्ति हुई है. मध्य प्रदेश में 5839 सरोवर का कार्य पूर्ण हो चुका है. यह भी जल संरक्षण की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम है. इससे भूतल का जलस्तर भी ऊपर उठेगा, इतना ही नहीं सिंचाई की समस्या का भी समाधान होगा.


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