MP News: देवास पुलिस की हिरासत में दलित की संदिग्ध मौत मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सतवास पहुंच कर पीड़ित परिजनों से मुलाकात की. दूसरी तरफ एसपी पुनीत गहलोद का भी बड़ा एक्शन हुआ है. उन्होंने सतवास थाना प्रभारी को निलंबित कर मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल 26 दिसंबर को महिला ने सतवास थाने में मुकेश लोंगरे निवासी मालागांव के खिलाफ शिकायत की थी. शिकायत की जांच थाना प्रभारी आशीष राजपूत कर रहे थे.


टीआई आशीष राजपूत ने मामले की विवेचना में पक्ष रखने के लिए मुकेश को थाने बुलवाया. शनिवार शाम मुकेश ने थाने पर हाजिरी दी. पुलिस ने आरोपी का बयान दर्ज करना शुरू किया. मौका पाकर मुकेश ने गमछे से फांसी लगा ली. पुलिस मुकेश को इलाज के लिए अस्पताल ले गई. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने मुकेश को मृत घोषित कर दिया. दलित की मौत के बाद कोहराम मच गया. भीम आर्मी ने पीड़ित परिवार के साथ मिलकर थाने का घेराव किया.


थाने के बाहर दूसरे दिन भी प्रदर्शन 


सतवास थाने के बाहर आज लगातार दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रहा. प्रदर्शनकारी पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे. सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग पर परिजन अड़े रहे. एडिशनल एसपी आकाश भूरिया ने बताया कि युवक के शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है. परिजनों का आरोप है कि धारा कम करने के एवज में रिश्वत मांगी गई थी. मुकेश की मौत पर परिजनों नें सवाल उठाये हैं. पुलिस अधीक्षक ने सातवास थाने पहुंचकर हंगामा शांत कराया. 


दलित की मौत पर सियासी संग्राम


एसपी पुनीत गहलोद ने बताया कि थाना प्रभारी आशीष राजपूत को सस्पेंड कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि मामले में दोषी पाए जाने पर आगे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दलित की मौत मामले में मजिस्ट्रेट जांच शुरू हो गई है. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी. पुलिस कस्टडी में दलित की मौत पर सियासत भी शुरू हो गई है.


कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने रविवार को सतवास पहुंचकर पीड़ित परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने मोहन यादव सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में दलितों पर लगातार अत्याचार हो रहा है. पटवारी ने मुख्यमंत्री से पूरे थाने को निलंबित करने की मांग की. उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि इस्तीफा देकर प्रदेश के साथ इंसाफ करें. 


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