Dewas News: मध्य प्रदेश के देवास में 29 साल की सोसाइटी की नौकरी में सेल्समैन ने महज 18 लाख रुपए वेतन पाया लेकिन अभी उसके पास करोड़ों रुपए की अचल संपत्ति के साथ सोने चांदी के जेवर और लाखों रुपए का बैंक बैलेंस मिला है. यह खुलासा आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की छापामार कार्रवाई के दौरान हुआ है. अभी भी सेल्समैन के घर कार्रवाई जारी है. ईओडब्ल्यू के डीएसपी अजय कैथवास ने बताया कि देवास जिले के कन्नौज थाना क्षेत्र के ग्राम डोकाकुई सोसाइटी में कार्यरत सेल्समैन गोविंद बागवान के बारे में लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि वे भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त हैं और उन्होंने करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित कर ली है. 


मुकदमा दर्ज कर जांच जारी
डीएसपी ने बताया, इस संबंध में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने अपनी ओर से सबूत इकट्ठे किए जिसके बाद मंगलवार सुबह गोविंद बागवान के तीन मकानों पर एकसाथ छापा मार कार्रवाई की गई. डीएसपी कैथवास के मुताबिक साल 1993 में सेल्समैन के पद पर गोविंद बागवान पदस्थ हुए थे. इसके बाद वे 1 साल तक प्रबंधक भी रहे, फिर उन्हें सेल्समैन बना दिया गया. जब वे भर्ती हुए थे तब उन्हें 500 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता था जो धीरे-धीरे बढ़ते हुए 18000 रुपये तक पहुंच गया है. उन्होंने 29 साल की नौकरी के कार्यकाल में सरकार से 18 लाख रुपए वेतन पाया है. इसके एवज में उनके पास करोड़ों रुपए की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं. इस संबंध में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने मुकदमा दर्ज कर पूरे मामले की जांच तेज कर दी है.


घर से मिली अकूत संपत्ति
सेल्समैन गोविंद बागवान के तीन मकानों पर छापामार कार्रवाई की गई. इस दौरान वहां से मकानों के दस्तावेज के अलावा एक गोदाम के दस्तावेज मिले हैं. इसके अतिरिक्त दो मोटरसाइकिल, सोने चांदी के जेवर, बहनोई के इलाज में 5,00,000 खर्च किए जाने के दस्तावेज भी मिले हैं. मकान से 52 बीघा जमीन के दस्तावेज मिले हैं, जिनमें से अधिकांश जमीन साल 2020 में खरीदी गई है. ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के मुताबिक पटवारी ने बातचीत के दौरान बताया कि इस जमीन की कीमत लगभग 8-10 करोड़ रूपए है. 


कमाई बचाने के लिए किया ये काम
ईओडब्ल्यू के डीएसपी अजय कैथवास ने बताया कि गोविंद बागवान के खिलाफ सोसाइटी की राशि हड़पने और किसानों के लिए आने वाले योजना के रुपयों में हेराफेरी करने का मुकदमा कन्नौज थाने में दर्ज हो चुका है. वह पहले से ही सरकारी कार्रवाई से निपटने के लिए सचेत था. उसने अपने बेटे अरविंद और प्रवीण के आधार कार्ड और पैन कार्ड में उसके नाम के स्थान पर बड़े भाई कैलाश बगवान नाम लिखवा दिया. यह भी धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है.


ये भी पढ़ें:


UP Election 20222: बीजेपी विधायक का विवादित बयान, जानिए बीजेपी को वोट न देने वालों के लिए क्या कहा


Panna News: ईंट भट्ठा चलाने वाले शख्स की रातों-रात चमकी किस्मत, खदान से मिला 1.20 करोड़ की कीमत का हीरा