रस्सी के सहारे नाला पार करते हैं लोग, कांग्रेस ने कसा तंज तो कलेक्टर ने रातोंरात उठाया बड़ा कदम
Dewas News: देवास में दो गांवों के बीच नाला पड़ता है. बोरा खेड़ी और पाटड़िया ताज के ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नाला रस्सी की मदद से पार करते हैं. कलेक्टर ने शिकायत मिलने पर एक्शन लिया.
MP News: देवास जिले की सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में लोग नाला पार करने के लिए रस्सी का उपयोग करते हैं. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरा है. देवास कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने मामले का संज्ञान लेते हुए रातों-रात रस्सी का पुल हटवा दिया.
सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में आने वाले गांव बोरा खेड़ी और पाटड़िया ताज के बीच नाला पड़ता है. लोग जान जोखिम में जाकर नाला पार करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का रस्सी के सहारे नाला पारने का वीडियो वायरल हो गया.
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मध्य प्रदेश में 20 वर्षों से बीजेपी की सरकार है. सूबे के मुखिया मध्य प्रदेश की सड़कों की तुलना अमेरिका और वाशिंगटन से करते हैं.
देवास में ग्रामीण रस्सी के सहारे नाला पार करने को मजबूर हैं. कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी बीजेपी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि रस्सी का पुल मध्य प्रदेश सरकार के विकास का मॉडल है. रस्सी के सहारे नाला पार करने की शिकायत कलेक्टर तक पहुंची. उन्होंने कहा कि शॉर्टकट के चक्कर में लोग जान का जोखिम उठा रहे हैं. कलेक्टर के आदेश पर अधिकारियों ने रातों-रात रस्सी का पुल हटवा दिया.
नाला पार करने के लिए रस्सी का होता है इस्तेमाल
कलेक्टर ने बताया कि दो गांव के बीच ब्रिज बना हुआ है, मगर लोग शॉर्टकट के चक्कर में रस्सी का पुल बनाकर नाला पार कर रहे थे. शिकायत का संज्ञान लेकर जिला प्रशासन की टीम को मौके पर भेज कर रस्सी का पुल हटवा दिया गया. रस्सी के पुल से गुजरने पर हादसे की आशंका भी बनी हुई थी.
बीजेपी नेता सचिन सक्सेना ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि सोनकच्छ विधानसभा सीट से कांग्रेस के नेता सज्जन वर्मा भी विधायक रह चुके हैं. सज्जन वर्मा के कार्यकाल में कोई विकास नहीं हुआ. बीजेपी की सरकार ने जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों का विकास किया है. बीजेपी नेता ने कहा कि कांग्रेस को आरोप लगाने से पहले खुद के कार्यकाल की समीक्षा करनी चाहिए. बरखेड़ी और पाटड़िया के बीच पुल का निर्माण पहले ही हो चुका है.
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