CPR Method: मध्यप्रदेश की पुलिस अब अपनी सांस देकर दूसरों की जान बचाएगी. पुलिस को सीपीआर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत आज शनिवार को पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने राजधानी भोपाल के नेहरु नगर पुलिस लाइन में की है. राज्य के सभी थानों में डॉक्टर पुलिस को प्रशिक्षित करेंगे की इमरजेंसी में घायल या पीड़ित को कैसे अपनी सांस देकर जिंदगी बचानी है. कुछ दिनों से देखने में आ रहा है कि पुलिस महिला-पुरुष जवान लोगों को सीपीआर देकर जान बचा रहे हैं.
पुलिस देगी अपनी सांस
सीपीआर देने के वीडियो भी सोशल मीडिया वायरल होते रहते हैं. अब प्रक्रिया को कंपलसरी कर दिया गया है. मध्यप्रदेश की पुलिस को डॉक्टर बकायादा प्रशिक्षण दे रहे हैं. इमरजेंसी के दौरान पुलिस जवान लोगों की जान बचा सकेगा. एक दिन पहले शुक्रवार को अभियान की शुरुआत होमगार्ड जवानों के लिए गई थी. शनिवार से प्रदेश भर की पुलिस के लिए सीपीआर प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया है. शनिवार से शुरु हुए प्रशिक्षण के दौरान सीपीआर या कृत्रिम श्वसन की जानकारी देते हुए विशेषज्ञों ने बताया कि कई बार व्यक्ति की अचानक सांस रुक जाती है या फिर कार्डिएक अरेस्ट की स्थिति में सांस नहीं आती है. इस अवस्था में सीपीआर देकर लोगों की जान बचाई जा सकती है.
बचाएगी दूसरों की जान
सीपीआर के जरिए बेहोश व्यक्ति को सांस देने से फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है. इससे शरीर में पहले से मौजूद ऑक्सीजन वाला खून संचारित होने लगता है. बीएमओ बीबी शर्मा की तरफ से इछावर के सिविल अस्पताल में पुलिसकर्मियों को सीपीआर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बीएमओ बीबी शर्मा ने बताया कि सीपीआर कोई दवा या इंजेक्शन नहीं है. यह एक तरह की प्रक्रिया है. इसका इस्तेमाल मरीज के शरीर पर किया जाता है. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में व्यक्ति की सांस रुक जाने पर सांस वापस लाने तक या दिल की धडक़न सामान्य हो जाने तक छाती को दबाया जाता है. इससे शरीर में पहले से मौजूद खून संचारित होने लगता है और व्यक्ति के साथ कोई अनहोनी नहीं होती है.
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