Bhojshala Survey: भोजशाला में ASI के खुदाई के तरीके पर मुस्लिम समुदाय का विरोध, काली पट्टी बांध अदा की जुमे की नमाज
Bhojshala ASI Survey: भोजशाला सर्वे पर मुस्लिम समुदाय ने ASI पर गंभीर आरोप लगाए. मुस्लिम समुदाय ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के उलट ASI खुदाई कर मस्जिद की दीवार को कमजोर कर रहा है.
Bhojshala ASI Survey News: मध्य प्रदेश के धार जिले में 11वीं सदी के परिसर के कुछ हिस्सों में कथित खुदाई के विरोध में शुक्रवार (24 मई) को मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने काली पट्टी बांधकर भोजशाला में नमाज अदा की और खुदाई को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन बताया है.
अदालत के आदेश पर सर्वेक्षण के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा की गई कथित खुदाई का विरोध करने के लिए बड़ी संख्या में मुसलमान काली पट्टी बांधकर शुक्रवार की नमाज के लिए पहुंचे. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के निर्देशानुसार एएसआई पिछले 64 दिन से संरचना का सर्वेक्षण कर रहा है.
हिंदू-मुस्लिम कर रहे हैं ये दावा
हिंदू एएसआई द्वारा संरक्षित 11वीं सदी के स्मारक भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित एक मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद कहता है. हिंदू पक्ष के वकील शिरीष दुबे ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के नेता इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत के निर्देश की गलत व्याख्या कर रहे हैं.
'ASI खुदाई कर मस्जिद की दीवारों को कर रहा कमजोर'
कमाल मौला की मस्जिद के अधिकारी जुल्फिकार पठान ने शुक्रवार की नमाज के बाद मीडिया से बातचीत की. जुल्फिकार पठान ने कहा, "हमने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि परिसर में भौतिक खुदाई न करने के शीर्ष अदालत के निर्देश के बावजूद, एएसआई मस्जिद की दीवारों की खुदाई कर रहा है और उन्हें कमजोर कर रहा है."
उन्होंने कहा कि समुदाय के नेताओं ने पिछले शुक्रवार को यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने उस समय घोषणा की थी कि अगर एएसआई के सर्वेक्षण में कोई बदलाव नहीं हुआ तो वे विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधेंगे. पठान ने कहा कि वे मौन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अगर उनकी मांग नहीं सुनी गई तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे.
अप्रैल में, सुप्रीम कोर्ट ने भोजशाला परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि कोई भी भौतिक उत्खनन नहीं किया जाना चाहिए जो संबंधित परिसर के चरित्र को बदल देगा.
हिंदू पक्ष के वकील ने लगाए ये आरोप
हालांकि, हिंदू पक्ष के वकील शिरीष दुबे ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि खुदाई इस तरह से की जानी चाहिए कि इससे स्थल की मूल संरचना में बदलाव न हो. एएसआई आवश्यकता के अनुसार अपना सर्वेक्षण कर रहा है."
हिंदू पक्ष के वकील शिरीष दुबे ने दावा किया कि मुस्लिम समुदाय के नेता शीर्ष अदालत के निर्देश की गलत व्याख्या कर रहे हैं और इस मुद्दे पर भ्रामक अभियान चला रहे हैं.
धार में हिंदू- मुसलमान के लिए है ये व्यवस्था
सात अप्रैल 2003 को एएसआई द्वारा की गई एक व्यवस्था के तहत, हिंदू मंगलवार को भोजशाला परिसर में पूजा करते हैं और मुस्लिम शुक्रवार को परिसर में नमाज अदा करते हैं.
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