Bhojshala: क्या है धार का भोजशाला विवाद? जिसका हाई कोर्ट के आदेश पर ASI कर रही सर्वे
Bhojshala Survey: हिंदू समाज धार जिले में स्थित 11वीं शताब्दी के स्मारक भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर मानता है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमल मौला मस्जिद बताते हैं.
![Bhojshala: क्या है धार का भोजशाला विवाद? जिसका हाई कोर्ट के आदेश पर ASI कर रही सर्वे Dhar Bhojshala Dispute ASI 150 members conducting survey on MP High Court orders ANN Bhojshala: क्या है धार का भोजशाला विवाद? जिसका हाई कोर्ट के आदेश पर ASI कर रही सर्वे](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/22/d54dfa95dea38519b44d42840f6692d11711092365765489_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के धार (Dhar) भोजशाला (Bhojshala) में आज से कड़ी सुरक्षा के बीच पुरातत्व विभाग की 150 विशेषज्ञों की टीम सर्वे की शुरूआत की. यह टीम भोजशाला में वैज्ञानिक आधार पर सर्वे कर रही है. सर्वे कितने दिनों तक चलेगा यह फिलहाल तय नहीं हो सका है, लेकिन इंदौर हाई कोर्ट ने इस मामले में छह हफ्ते में एएसआई से सर्वे पूरा कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इधर मुस्लिम पक्ष इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा रहा है.
धार भोजशाला में आज यानी शुक्रवार से एएसआई की टीम सर्वे शुरू कर दिया है. इस टीम में करीब डेढ़ सौ सदस्य हैं. टीम का सर्वे भी आज ही शुरू हुआ है और आज ही नमाज़ पढ़ी जानी है. ऐसे में धार प्रशासन ने मौके पर किलेबंदी कर सुरक्षा व्यवस्था बेहद मजबूत कर दी है. इस मामले में एएसआई के अपर महानिदेशक प्रोफेसर आलोक त्रिपाठी ने एक पत्र लिखकर इंदौर संभागायुक्त, धार कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग की थी.
सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था
इधर इंदौर कमिश्नर दीपक सिंह ने धार भोजशाला पर रिव्यू मीटिंग ली थी और सुरक्षा पर्याप्त होने के बाद ही सर्वे शुरू किया. धार भोजशाला में आज जुम्मे की नमाज अदा होनी हैं. वहीं आज ही दिल्ली से आई डेढ़ सौ लोगों की टीम ने सर्वे शुरू किया है. ऐसे में यहां किसी तरह की कोई अप्रिय स्थिति न बने इसे लेकर सर्वे टीम ने सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की थी. जिसके बाद भोजशाला में 50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है. वहीं अंदर जाने वाले हर शख्स की कड़ी जांच की जा रही है.
धार शहर के काजी वकार सादिक और जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के जुल्फिकार एहमद का कहना है कि वह इंदौर हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्हें इस सर्वे के बारे में कोई सूचना नहीं है. इधर इस मामले में अधिवक्ता अजय बागड़िया का कहना है कि पक्षकार के बिना सर्वे को रोकने के लिए वह दोबारा हाई कोर्ट का रूख करेंगे.
क्या है भोजशाला का इतिहास?
हिंदू समाज द्वारा धार जिले स्थित एसआई द्वारा संरक्षित 11वीं शताब्दी के स्मारक भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर माना जाता है. जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमल मौला मस्जिद कहता आया है. 7 अप्रैल 2003 को एएसआई द्वारा यहां एक व्यवस्था बनाई गई थी कि यहां हिंदू मंगलवार को भोजशाला परिसर में पूजा कर सकेंगे और जबकि मुस्लिम शुक्रवार को परिसर में नमाज अदा कर पाएंगे. यही व्यवस्था तब से चली आ रही है. इस मुद्दे पर धार्मिक तनाव कई बार पैदा हुआ है.
खासकर जब बसंत पंचमी शुक्रवार को पड़ती है तो मुस्लिम भोजशाला में नमाज अदा करते हैं और हिंदू पूजा करने के लिए कतार में खड़े होते हैं. फिलहाल इस विवाद को समझने के लिए आपको 1000 साल से भी पीछे जाना होगा. इतिहास के पन्नों में धार पर परमार वंश का शासन था और राजा भोज 1000 से 1055 ई. तक धार के शासक थे. खास बात यह थी कि राजा भोज देवी सरस्वती के बहुत बड़े भक्त थे.
1401 में दिलावर खान ने मस्जिद बनवाई
1034 में एक महाविद्यालय की स्थापना उन्होनें यहां की. यह महाविद्यालय बाद में भोजशाला के नाम से जाना गया, जिस पर हिंदू धर्म के लोग आस्था रखते हैं. इधर अलाउद्दीन खिलजी ने कथित तौर पर 1305 ई. में भोजशाला को ट्रस्ट कर दिया फिर 1401 में दिलावर खान ने भोजशाला के एक हिस्से में एक मस्जिद बनवाई. इसके बाद मोहम्मद शाह खिलजी ने 1514 ई. में भोजशाला के अलग हिस्से में एक और मस्जिद बनवाई.
1875 में उत्खनन में यहां मां सरस्वती की एक प्रतिमा निकली, जिसे बाद में अंग्रेजों द्वारा लंदन ले जाया गया. यह प्रतिमा अब लंदन के संग्रहालय में है. हिंदू समाज इसे सरस्वती को समर्पित मंदिर मानते हैं. हिंदुओं का मानना है कि राजवंश के शासनकाल के दौरान सिर्फ कुछ समय के लिए मुसलमान को भोजशाला में नमाज की अनुमति मिली थी. वहीं मुस्लिम समाज यहां नमाज अदा करने की लंबे समय से चली आ रही परंपरा का दावा करते हैं.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)