Dhirendra Krishna Shastri News: विवादित बयानों के चलते पूरे देश में सुर्खियों में बने रहने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा (Pradeep Mishra) और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) की लोकप्रियता में इजाफा होता जा रहा है. जैसे-जैसे दोनों ही कथावाचकों की लोकप्रियता में इजाफा हो रहा है, वैसे-वैसे दोनों के धाम- सीहोर में कुबेश्वर धाम (Kubeshwar Dham) और छतरपुर में बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के आसपास जमीनों के दाम में तेजी से उछाल नजर आ रहा है. धामों के आसपास भले ही विकास न हुआ हो, ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं का अभाव हो, लेकिन कथा वाचकों ने चंद किसानों की किस्मत बदलकर रख दी है. धामों के आसपास जमीनों के दाम में 10 लाख रुपए से लेकर 80 लाख रुपए तक की वृद्धि हुई है. 

 

जिला मुख्यालय के नजदीक ग्राम चितावलिया हेमा गांव हैं. अब से तीन साल पहले तक यह एक साधारण सा ही गांव था, लेकिन अब इस गांव (हेमाचितावलिया) की ख्याति पूरे देश में हो गई है. इस गांव की ख्याति और पहचान के पीछे सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा का अहम योगदान है. बता दें सीहोर जिला मुख्यालय के नजदीक स्थित इस गांव में सीहोर वाले ख्याति प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का आश्रम (कुबेश्वर धाम) है. कुबेश्वर धाम में निर्माण कार्य जारी है. बीते दिनों फरवरी महीने में ही कुबेश्वर धाम आश्रम में पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा रुद्राक्ष वितरण और शिव महापुराण कथा का आयोजन किया था. इस आयोजन में लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचे थे. इस आयोजन की वजह से पूरे देश भर में इस गांव का नाम चर्चाओं में आया था. इस गांव में आठ से 10 लाख रुपए तक प्रति एकड़ जमीन मिल जाती थी, लेकिन अब यहां एक एकड़ जमीन के भाव 80 लाख रुपए से एक करोड़ तक पहुंच गए हैं. 

 

इस गांव की भी चमकी किस्मत

छतरपुर जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर स्थित गढ़ा गांव की किस्मत भी कुछ इसी तरह बदल गई है. कभी मुख्य मार्ग से कटे रहने वाले इस गांव को आज पूरा देश जानता है. गढ़ी गांव में ही संत पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का बागेश्वर धाम है. गांव में सडक़ सुविधा के साथ ही अब प्रॉपर्टी के भाव भी आसमान छू रहे हैं. स्थिति यह है कि साल 2020 में जिस जमीन के भाव महज दो लाख रुपए प्रति एकड़ थे, वह अब 10 से 12 लाख रुपए प्रति एकड़ हो गई है. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही गढ़ी गांव में जमीनों के दाम में भी इजाफा हो गया है. 

 

रोजगार के साधन भी बढ़े

सीहोर के कुबेश्वर धाम और छतरपुर के बागेश्वर धाम की स्थिति यह है कि यहां रोजगार में भी इजाफा हुआ है. दोनों ही गांवों में बाहरी सहित स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार के अवसर भी मिले हैं. दोनों ही गांवों के ग्रामीणों ने अपने कच्चे-पक्के घरों को लॉज और होटल के रूप में तब्दील कर दिया है. ग्रामीण इस गांव में बाहर से आने वाले लोगों को 1000-2000 रुपए लेकर यहां ठहरने की व्यवस्था करते हैं तो वहीं अब इन दोनों ही गांवों में सैकड़ों दुकानें संचालित हो रही हैं. बीते दिनों सीहोर के कुबेश्वर धाम पर आयोजित कथा के दौरान यहां के ग्रामीणों ने बाहर से आए श्रद्धालुओं से स्नान कराने तक के नाम पर 100 रुपए से 200 रुपए तक वसूल किए थे.

 

ये भी पढ़ें-