Dhirendra Krishna Shastri Katha In Sagar: बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham ) के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) की तीन दिवसीय कथा बुधवार से सागर (Sagar) जिले के खुरई में शुरू हुई. इसके आयोजक शिवराज सरकार के कद्दावर मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) हैं. उनके विधानसभा क्षेत्र में यह आयोजन हो रहा है. इस मौके पर गेंहू और कृषि यंत्र के लिए पूरे देश में पहचाने जाने वाले शहर खुरई को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने अन्नपूर्णा नगरी का नाम दिया. वहीं मंत्री भूपेंद्र सिंह को धाम का लाडला भक्त बताया. वहीं कथा आयोजन हेतु कलशयात्रा के पश्चात ही वर्षा प्रारंभ हो गई.
इससे पर्याप्त वर्षा से सूख रही खेती में फिर से रौनक लौट आई और किसानों के चेहरे खिल उठे. कथा आयोजक मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विश्वास प्रकट किया था कि महाराज की कथा प्रारम्भ होते ही वरुण देवता का आशीर्वाद वर्षा के रूप में प्राप्त होगा. इसी दृष्टि से 700 बाई 100 वर्गफुट के तीन वाटरप्रूफ पंडाल और इनमें बैठने के लिए नीचे प्लाई का फर्श बनाया गया है. जिन पर बिछाए गए हैं. वहीं कथा सुनने वाले को वर्षा से थोड़ी सी भी परेशानी नहीं हुई, बल्कि मौसम और प्रकृति ने सुनने वाले को अनुकूल वातावरण स्वतः ही निर्मित कर दिया. वहीं नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह और सरोज सिंह ने व्यासपीठ पर आसीन पूज्य बागेश्वर सरकार की आरती की और उनका आशीर्वाद लिया.
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने क्या कहा
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कथा संगत मंडली को दक्षिणा भेंट कर सभी से आशीर्वाद लिया. तत्पश्चात आसमान से निरंतर वरुण देव के आशीर्वाद स्वरूप जल की अमृत वर्षा हुई और कथा पंडाल में बागेश्वर सरकार की अमृतवाणी बरसने लगी. बागेश्वर सरकार ने भगवान हनुमान की चौपाई की. चौपाई की व्याख्या समझाते हुए धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भगवान हनुमान से सीखिए कि छोटा बनकर बड़े बड़े काम कैसे किए जाते हैं. हम लोग हैं कि छोटे से काम करके बड़ा बनना चाहते हैं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमें अभिमान में नहीं स्वाभिमान में जीना चाहिए. अभिमान में जिए तो पतन हो जाएगा जैसा कि रावण का पतन हो गया. लोग अहम और वहम दो तरह का जीवन जीते हैं. भगवान हनुमान भगवान ने अपने सिद्धांत भी प्रभु राम को समर्पित कर दिए.
खुरई को नाम दिया 'अन्नपूर्णा नगरी'
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि देह का सौंदर्य अर्थवान नहीं है. चरित्र का सौदर्य ही श्रेष्ठ है. जिनके जीवन में गुरु और परमात्मा को सिर पर स्थान मिला है, उनका पृथ्वी पर अधिक समय तक वास रहता है. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि मंत्री भूपेंद्र सिंह बागेश्वर धाम के बड़े लाडले हैं. धाम पर लगातार आते रहते हैं. उनके अनुरोध पर हम खुरई दौड़े चले आए. उन्होंने कहा कि खुरई सामान्य नगरी नहीं है. यहां का गेहूं संपूर्ण राष्ट्र और विश्व को भोजन कराता है और नगर के नाम से पहचाना जाता है. इस नगरी को मैं अन्नपूर्णा नगरी कहता हूं. बागेश्वर सरकार ने कहा कि अब यह अन्नपूर्णा नगरी अगले तीन दिनों तक अयोध्या की तरह प्रतीत होगी, क्योंकि तीन दिनों तक यहां हनुमंत लला का चरित्र कथा से प्रवाहित होगा.
दिव्य दरबार 7 सितम्बर को
उन्होंने कहा कि धन्य है खुरई के लोगों की भक्ति और श्रद्धा कि हनुमंत की कथा के पहले ही जल वर्षा होने लगी. इंद्रदेव कथा स्थल पर पहले ही पधार गए. धरती माता बहुत दिनों से सूखी पड़ी थी. अब प्रकृति वर्षा से हरी हो जाएंगी और कथा से यहां की संस्कृति हरी हो जाएगी. खुरई की पावन भूमि पर बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने व्यासपीठ का पूजन किया और समस्त चर-अचर देवी-देवताओं का सुमिरन नमन करते हुए हनुमंत कथा का वाचन आरंभ किया. बागेश्वरधाम सरकार ने व्यासपीठ से बताया कि कथा के दूसरे दिन यानी 7 सितम्बर को बालाजी सरकार के दरबार में अर्जियां भी स्वीकार की जाएंगी.
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