(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम सरकार का यूटर्न! माफी मांगते हुए बोले- 'जो कहा वो किताब में पढ़ा था'
Sant Tukaram Controversy: एक वायरल वीडियो में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था कि संत तुकाराम की पत्नी उनको रोज डंडे से मारती थीं. उनके इस बयान का महाराष्ट्र में विरोध हो रहा है.
MP News: संत तुकाराम पर दिए गए अपने विवादित बयान को लेकर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने माफी मांग ली है. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में धीरेंद्र शास्त्री को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि संत तुकाराम की पत्नी रोज डंडे से मारती थी. अब धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि मेरे शब्दों से जिनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है, मैं उनसे हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं. तुकाराम पर दिए बयान को लेकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में काफी विरोध हो रहा था. इस बयान को लेकर वहां लोग सड़कों पर उतर आए थे.
धीरेंद्र शास्त्री ने क्या कहा था
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस मामले में मंगलवार को कहा कि संत तुकाराम एक महान संत थे और हमारे आदर्श हैं.उन्होंने कहा कि हमने किसी कथा में उनकी पत्नी को लेकर भाव प्रस्तुत किए थे कि वो थोड़ा विचित्र स्वभाव की थीं.गन्ने वाली कहानी हमने पढ़ी थी.संत तुकाराम को लेकर हमने एक किताब में पढ़ा था कि उनकी पत्नी उन्हें गन्ना लेने भेजती हैं.फिर एक गन्ने से उनकी पिटाई के चलते दो टुकड़े हो गए तो इसे मैंने अपने भाव से समझाया.मेरे शब्दों से जिनकी भावनाओं को ठेस पहुंची उनसे हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं. मैं अपने शब्दों को वापस लेता हूं. उन्होंने कहा है कि वो संत तुकाराम को अपना आदर्श मानते हैं.
वायरल वीडियो में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री यह कहते सुने जा सकते हैं कि संत तुकाराम की पत्नी उन्हें रोज डंडे से मारती थी.संत तुकाराम पर की गई उनकी इसी टिप्पणी के कारण राकांपा उनके विरोध में आ गई है.वहीं कुनबी मराठा समुदाय बागेश्वर बाबा के खिलाफ सड़कों पर उतर आया है. युवा मंच की ओर से बागेश्वर बाबा के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग भी की गई है.
धीरेंद्र शास्त्री और विवाद
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आजकल विवादों में हैं.वो पर्ची पर लिखकर लोगों का भाग्य बताने का दावा करते हैं.उनको महाराष्ट्र के अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव ने चमत्कार साबित करने की चुनौती दी थी. इसके बाद से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री नागपुर से अपनी कथा छोड़कर रायपुर चले आए थे. उन्होंने चुनौती देने वालों को रायपुर बुलाया था. और कहा था कि उनको सभी चुनौतियां स्वीकार हैं.
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