MP Politics: महाकाल का नाम लेकर दिग्विजय और सिंधिया दे रहे बयान, अब पंडितों और पुरोहितों ने जताई आपत्ति
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु बताते हैं कि भगवान महाकाल की नजर में राजा और रंक सभी एक समान है.राजनेताओं को अपने हितों के लिए भगवान महाकाल का नाम लेकर बयान देना गलत है.
मध्य प्रदेश की राजनीति में भगवान महाकाल का नाम लेकर राजनेताओं द्वारा की जा रही बयानबाजी के चलते महाकालेश्वर मंदिर के पंडित और पुरोहित नाराज और दुखी है. उनका मानना है कि राजनेताओं को इस तरह बद्दुआ देते हुए भगवान महाकाल का नाम का उपयोग नहीं करना चाहिए. भगवान महाकाल की नजर में राजा और रंक दोनों ही समान है.
इन दिनों मध्य प्रदेश की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच बयानबाजी की बयार आ गई है. दोनों ही राजनेताओं के समर्थक भी आमने-सामने है. हालांकि इन सबके बीच राजाधिराज भगवान महाकाल का नाम बार-बर लिया जा रहा है. अपने राजनीतिक फायदे के लिए भगवान महाकाल का नाम लिया जाना महाकालेश्वर मंदिर के पंडित और पुरोहितों के लिए नाराजगी का सबब बन गया है.
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु बताते हैं कि भगवान महाकाल की नजर में राजा और रंक सभी एक समान है. राजनेताओं को अपने हितों के लिए भगवान महाकाल का नाम लेकर बयान देना गलत है. भगवान महाकाल सभी का कल्याण करने वाले देवता है. उनसे किसी के लिए गलत प्रार्थना करना ठीक नहीं है. पंडित प्रदीप गुरु के मुताबिक भगवान महाकाल तीनों लोकों के स्वामी है. उनकी का नाम लेते समय सभी के कल्याण की बात होना चाहिए. भगवान महाकाल को राजनीतिक बयानों से दूर रखा जाना ही उचित है.
भगवान महाकाल का राजनीति से क्या लेना देना
महाकालेश्वर मंदिर के पंडित रमन त्रिवेदी के मुताबिक भगवान महाकाल की आराधना करने के लिए भगवान श्रीराम आए थे. यहां पर भगवान श्री कृष्ण ने भी भगवान महाकाल की पूजा की है. अनादि काल से मंदिर करोड़ों शिव भक्तों की आस्था का केंद्र रहा है. भगवान महाकाल का राजनीति से क्या लेना देना है, जिस प्रकार से राजनेताओं द्वारा अपने बयानों में भगवान महाकाल का नाम का उल्लेख किया जा रहा है, यह सर्वथा गलत है. इस प्रकार के बयानों के साथ भगवान महाकाल का नाम जोड़ना उचित नहीं है.
कुछ पंडित और पुरोहितो ने किया बयानों से किनारा
महाकालेश्वर मंदिर के कुछ पंडित और पुरोहित पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयानों में भगवान महाकाल का नाम आने को लेकर प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं. गौरतलब है कि दोनों ही राजनीति के बड़े दिग्गज खिलाड़ी है चुनावी साल होने की वजह से ऊंट किस करवट बैठ जाए, यह कहा नहीं जा सकता है, इसलिए मंदिर के कई पुजारी और पुरोहित दोनों राजनेताओं के बयानों को लेकर प्रतिक्रिया देने से भी बच रहे हैं.
इन बयानों पर दर्ज करवाई आपत्ति
उज्जैन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सबसे पहले बयान देकर विवाद की शुरुआत की थी उन्होंने उज्जैन में कहा कि "हे महाकाल! दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में पैदा ना हो". उनके इस बयान पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार करते हुए लिखा कि 'हे प्रभु ! महाकाल कृपया दिग्विजय सिंह जैसे मध्य प्रदेश के बंटाधार और देश विरोधी भारत में पैदा ना हो". इन्हीं बयानों को लेकर सियासत गरमा गई. इसके बाद शिवराज सरकार के ग्रामीण और पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने बयान दिया कि "भगवान महाकाल दिग्विजय सिंह का अगला जन्म पाकिस्तान में हो". इसी तरह बीजेपी और कांग्रेस के कई नेताओं ने भगवान महाकाल के नाम के साथ राजनीतिक बयान दिया, जिस पर पंडित और पुरोहित आपत्ति दर्ज करा रहे हैं.