(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP Politics: 'हिंदू राष्ट्र' पर कमलनाथ के बयान पर दिग्विजय सिंह ने दी सफाई, कांग्रेस को सता रहा है इस बात का डर
MP News: कमलनाथ ने कहा था कि देश में 82 फीसदी हिंदू हैं, ऐसे में यह पहले से ही हिंदू राष्ट्र है, इसे कहने और बताने की क्या जरूरत है. उनके इसी बयान पर दिग्विजय सिंह को सफाई देनी पड़ रही है.
Madhya Pradesh Election 2023: हिंदू राष्ट्र पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Ex CM Kamal Nath) के बयान पर दिग्विजय सिंह सफाई दे रहे हैं. उनका कहना है कि कमलनाथ के बयान को तोड़ मोड़कर पेश किया जा रहा है. कमलनाथ ने कहा था कि देश में 82 फीसदी हिंदू हैं, ऐसे में यह पहले से ही हिंदू राष्ट्र है, इसे कहने और बताने की क्या जरूरत है. पूर्व मुख्यमंत्री इस बयान पर बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) में घमासान मचा हुआ है. इन सबके बीच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Ex CM Digvijaya Singh) ने कमलनाथ का बचाव करते हुए सफाई दी है.
क्या कहा था कमलनाथ ने
पिछले दिनों कमलनाथ ने भोपाल में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा था कि भारत में 82 फीसदी हिंदू हैं, ऐसे में यह हिंदू राष्ट्र है, इसे कहने और बताने की क्या आवश्यकता है? उनके इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों की ही राजनीति गरमा गई है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ को चुनावी हिंदू बता दिया है. उनका कहना है कि जब चुनाव आते हैं, तो कमलनाथ हिंदू बन जाते हैं. वहीं दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह ने इस पूरे मामले में सफाई दी है.उनका कहना है कि कमलनाथ ने के बयान को बीजेपी तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है. उन्होंने हिंदू राष्ट्र के बारे में टिप्पणी नहीं की बल्कि यह कहा है कि संविधान के मुताबिक सभी लोग बराबर हैं.
मुस्लिम वर्ग की नाराजगी के बाद दी सफाई
हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर कमलनाथ के खिलाफ मुस्लिम समाज ने बयानबाजी शुरू कर दी थी. मुस्लिम समाज जनों की नाराजगी को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ के बयान पर सफाई दी है. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से अभी तक कोई सफाई नहीं दी गई है. विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही अब एक-एक बयान की महत्ता का मूल्यांकन किया जा रहा है.
मध्य प्रदेश में मुस्लिम वर्ग की आबादी 50 लाख के आसपास है. इनमें से 19 जिले से हैं, जहां पर मुस्लिम समुदाय की आबादी एक लाख से ज्यादा है. गौरतलब है कि हार जीत का फैसला भी कुछ प्रतिशत वोटों से हो जाता है, इसलिए कांग्रेस मुस्लिम वर्ग को भी नाराज नहीं करना चाहती है.
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