MP Politics: 'गद्दार' पर शुरू हुई राजनीति में अब दिग्विजय सिंह की एंट्री, मध्य प्रदेश के राजघराने हैं आमने-सामने
MP News: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रहकर सारे पद पाकर सत्ता का सुख भोगकर कांग्रेस की आलोचना कर रहे हैं.
![MP Politics: 'गद्दार' पर शुरू हुई राजनीति में अब दिग्विजय सिंह की एंट्री, मध्य प्रदेश के राजघराने हैं आमने-सामने Digvijay Singh's entry in politics started on 'Gaddar', royal family of Madhya Pradesh are face to face ANN MP Politics: 'गद्दार' पर शुरू हुई राजनीति में अब दिग्विजय सिंह की एंट्री, मध्य प्रदेश के राजघराने हैं आमने-सामने](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/07/631242bea19d17504dcd7bfc900765621680842981515271_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Bhopal News: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की बीजेपी (BJP) में एंट्री के बाद मध्य प्रदेश में 'गद्दार' की सियासत बीजेपी और कांग्रेस (Congress) के बीच लगातार जोर पकड़ रही है.पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच सोशल मीडिया पर वार शुरू हुआ.इस वार में अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Ex CM Digvijya Singh) ने भी एंट्री मारी है. इसके बाद से यह विवाद अब राजघरानों तक पहुंच गया है.
कबसे शुरू हुआ गद्दार विवाद
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने हाल ही में ट्वीट करते हुए लिखा था, "इतिहास की कोई भी किताब उठा लीजिए,अट्ठारह सौ सत्तावन में रानी झांसी के साथ गद्दारी के मुद्दे पर सभी इतिहासकार एकमत हैं." उन्होंने यह भी लिखा, "आपके नए भगवान सावरकर ने भी अपने किताब '1857 का स्ववतंत्र समर' में रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे आदि के बारे में जिक्र किया है.'' इस तरह से जयराम रमेश ने सीधे-सीधे ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने की कोशिश की.
इतिहास की कोई किताब उठा लीजिये। 1857 में रानी झांसी के साथ गद्दारी के मुद्दे पर सभी इतिहासकार एकमत हैं। आपके नये भगवान सावरकर ने भी अपनी किताब '1857 का स्वातंत्र समर' में रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे और अन्य लोगों के साथ सिंधिया की गद्दारी का जिक्र किया है। इतिहास आप पढ़िये https://t.co/kbgI0XPp54
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 6, 2023
वहीं दूसरी ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी 1857 के वीर शहीद तात्या टोपे के वंशज पराग टोपे की लिखी किताब का हवाला देते हुए कहा, "मराठा, सिंधिया,पेशवा और झांसी के नेवालकर अंग्रेजों के विरुद्ध एक साथ थे.'' इस दौरान उन्होंने किताब 'ऑपरेशन रेड लोटस' का भी जिक्र किया. यह विवाद चल ही रहा था कि इममें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की एंट्री हो गई. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, "गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रहकर सारे पद पाकर सत्ता का सुख भोगकर कांग्रेस की आलोचना कर रहे हैं.'' इस मामले में उन्होंने राहुल गांधी के प्रति आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करने का आरोप लगा है.इसके अलावा यह भी लिखा है,"इन्हें गद्दार नहीं तो और क्या कहें.'' इस प्रकार ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सीधे हमला पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बोला है.
गुलाम नबी आज़ाद व ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रह कर सारे पद पा कर सत्ता सुख भोग कर अब कॉंग्रेस की आलोचना कर रहे हैं। राहुल जी @RahulGandhi के प्रति आपत्तिजनक भाषा का उपयोग कर रहे हैं।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) April 6, 2023
इन्हें ग़द्दार ना कहें तो क्या कहें?
@INCIndia https://t.co/zcaqvsid3y
भारत की राजनीति में 'गद्दार'
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश की टिप्पणी के बाद ही राजनीति के जानकार बता रहे थे कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ हमला बोल सकते हैं.उनकी आशंका सही साबित हुई है.सिंधिया घराने के विरोध के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कभी भी पीछे नहीं हटते हैं. सिंधिया घराने की मुखालफत करने वालों को दिग्विजय सिंह का खुला समर्थन मिलता है.हालांकि अभी तक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह के हमले का जवाब नहीं दिया है.यदि सोशल मीडिया पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का जवाब आता है तो राजघराने की लड़ाई एक बार फिर सुर्खियां बटोरेगी.
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