Sagar News: सागर (Sagar) जिले की सुर्खी विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के मकान वन विभाग द्वारा तोड़े जाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने कलेक्टर सहित अधिकारियों से लिखित वादा लिया है. इस लिखित वादे में बिंदुवार पीड़ित परिवारों को कई सुविधा मुहैया कराए जाने की बात अंकित है. कलेक्टर ने भी इस बात को स्वीकारा है. 


सागर जिले की सुर्खी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रेपुरा में अनुसूचित जाति वर्ग के 10 परिवारों के मकानों पर बुलडोजर चला दिया गया था. इस मामले में सागर कलेक्टर दीपक आर्य ने रेंजर लाखन सिंह ठाकुर को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अधिकारियों से लिखित आश्वासन लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए सागर कलेक्टर का हस्ताक्षर युक्त पत्र भी डाला है. 


दिग्विजय सिंह ने किया ट्वीट
वहीं दिग्विजय सिंह ने ट्वीट में लिखा है "कलेक्टर और वन अधिकारी के लिखित आश्वासन के बाद अब वादा पूरा होता है, या नहीं यह देखना होगा." इस मामले में सागर कलेक्टर दीपक आर्य ने भी कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर पहले ही पीड़ित परिवारों को सुविधा मुहैया कराए जाने के निर्देश प्राप्त हो गए थे. उन्होंने बताया कि आमतौर पर यदि अतिक्रमण हटाने और विस्थापन जैसी कोई कार्रवाई होती है, तो पीड़ित परिवार के रहन-सहन और भोजन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा किए जाने कर्तव्य भी बनता है. इस मामले में भी ऐसा ही किया गया है. उन्होंने इस बात को भी माना कि पत्र पर जो हस्ताक्षर हैं, वह उनके द्वारा ही किए गए हैं.


रेंजर की गलती से उपज गया विवाद
प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक घटना वाले दिन कलेक्टर दीपक आर्य छुट्टी पर थे. रेंजर लाखन सिंह ठाकुर ने दल बल के साथ मौके पर पहुंचकर पीड़ित लोगों के मकान गिराना शुरू कर दिए. सबसे बड़ी बात यह है कि खाली स्थान के साथ-साथ उस स्थान पर भी बुलडोजर चला दिया गया, जहां पर पीड़ित लोगों का सामान रखा हुआ था. यही नहीं उन्हें सामान हटाने का वक्त तक नहीं दिया गया. कलेक्टर दीपक आर्य ने भी इस बात को स्वीकारा कि वो घटना वाले दिन छुट्टी पर थे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वन विभाग द्वारा एक साल से अतिक्रमण हटाने की दस्तावेजी कार्रवाई की जा रही थी, लेकिन वन अधिकारियों का अतिक्रमण हटाने का तरीका उचित नहीं था. इसी वजह से रेंजर को निलंबित कर दिया गया है.


यह मिला लिखित आश्वासन
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कलेक्टर दीपक आर्य और वन विभाग के अधिकारियों से लिखित में पीड़ित परिवार को सहायता पहुंचाने का आश्वासन लिया है. इसमें पीड़ित परिवार को जन सहयोग से प्रधानमंत्री आवास के समतुल्य मकान को तैयार करना. इसके अलावा जब तक मकान तैयार नहीं होते, तब तक पीड़ित परिवार के भोजन और उनके रहने की व्यवस्था करना आदि महत्वपूर्ण बातें लिखी हुई है. 


इसके अलावा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने वाले वन अधिकारी के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति की धाराओं में मिली शिकायत की निष्पक्ष जांच करना भी प्रमुख रूप से शामिल है. साथ ही बुलडोजर चलाने के दौरान मकान का जो सामान क्षतिग्रस्त हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति करना भी शर्तों में शामिल है. 


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