MP Assembly Budget Session 2023: इस बार मध्य प्रदेश के विधानसभा सत्र में दिलचस्प नजारा देखने को मिल रहा है. चाचा-भतीजे की जोड़ी के सवालों की गूंज सुनाई दे रही है. चाचा लक्ष्मण सिंह और भतीजे जयवर्धन सिंह दोनों ही कांग्रेस पार्टी से हैं. सदन में चाचा लक्ष्मण सिंह बीजेपी सरकार से सवाल जवाब कर रहे हैं. सदन के बाहर भतीजे जयवर्धन सिंह बीजेपी सरकार पर तीखे वार कर रहे हैं. साल 2018 में चाचोड़ा से चुनाव जीतकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह विधानसभा पहुंचे थे.
विधानसभा सत्र के दौरान चर्चा में चाचा-भतीजा
दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह भी राघोगढ़ विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कर विधायक बने. दो दिन पहले 63 वर्षीय विधायक लक्ष्मण सिंह की टिप्पणी से सदन ठहाकों से गूंज उठा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सदन में भाषण दे रहे थे. कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने भाषण के बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान से एक मिनट मांग लिया. मुख्यमंत्री के नहीं रुकने पर विधायक लक्ष्मण सिंह ने 'शताब्दी एक्सप्रेस' कहकर संबोधित किया.
लक्ष्मण सिंह की टिप्पणी से सदन में माननीय हंसने लगे. लक्ष्मण सिंह ने कहा कि अमृतकाल की बार-बार बात की जा रही है. उन्होंने सवाल पूछा कि इंदौर में बैंकों का पैसा लौटाया नहीं जा रहा है. इंदौर में बने क्लब के सदस्य दो करोड़ की गाड़ी वाले हैं. उन्होंने कार्रवाई करने के लिए सरकार को सूची उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. लक्ष्मण सिंह के सवाल का मुख्यमंत्री ने जवाब नहीं दिया.
तीखे सवालों से बैकफुट पर शिवराज सरकार
सदन के बाहर भतीजे जयवर्धन सिंह ने बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया. मीडिया से बात करते हुए विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार ने ऑन रिकॉर्ड स्वीकार किया है कि मध्य प्रदेश में 37 लाख युवा बेरोजगार हैं. शिवराज सरकार पिछले तीन साल में महज 21 युवाओं को ही सरकारी नौकरी दे पाई है. खराब आंकड़ों के बीच बीजेपी सरकार सपने एक लाख सरकारी नौकरियों के दिखा रही है.
विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि हम सभी के लिए दुख की बात है. एक बेहद ही दुखद घटना इंदौर के महू में हुई है. एक बेकसूर आदिवासी युवक की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई. गैंगरेप के बाद आदिवासी बच्ची की मौत हो गई थी. विरोध में आदिवासी भाइयों ने आंदोलन चलाया. आंदोलन के दौरान पुलिस ने फायरिंग की.
फायरिंग में एक आदिवासी युवक की हत्या हो गई. मैं गृहमंत्री से पूछना चाहता हूं कि क्या पुलिस को फायरिंग के आदेश दिए गए थे. धरने राजनीतिक पार्टी और सामाजिक संगठन भी करते हैं. आखिर आदिवासी समुदाय के धरने से सरकार को क्या हो जाता है. गृहमंत्री जवाब दें कि पुलिस को फायरिंग करने का आदेश कहां से मिला. जयवर्धन सिंह ने बीजेपी सरकार को आदिवासी विरोधी मानसिकता की बताया. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल का आखिरी बजट सत्र है. 27 फरवरी से शुरू हुई विधानसभा के बजट सत्र का समापन 27 मार्च को होगा. विधानसभा सत्र के पहले दिन से ही जबरदस्त हंगामा देखने को मिल रहा है. ,जन में विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं.