Indore Lok Sabha Chunav 2024: इंदौर लोकसभा सीट से बीते माह अक्षय कांति बम चुनाव में बतौर कांग्रेस प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले लिया था. इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. वर्तमान में कांग्रेस का इंदौर सीट से कोई प्रत्याशी नहीं है. कांग्रेस 13 मई को होने वाले चुनाव के लिए एक नई मुहिम छेड़ दी है. 


कांग्रेस ने "लोकतंत्र बचाओ संविधान बचाओ" जन जागरण अभियान शुरु किया है. इसके तहत आज यानी शुक्रवार (10 मई) को कांग्रेस की तरफ से शाम 6 बजे जंजीर वाला चौराहे से अंबेडकर प्रतिमा तक मौन जुलूस निकाला जाएगा. इसमें लोगों से चुनाव में NOTA बटन को वोट करने की अपील की जाएगी. इस जुलूस की अगुवाई पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह करेंगे.


कांग्रेस बीजेपी में नोटा को लेकर छिड़ी रार
इंदौर में NOTA को लेकर कांग्रस बीजेपी में रार जारी है. इसी क्रम में आज शामल लोकतंत्र बचाओ संविधान बचाओ जन जागरण अभियान के तहत एक मौन जुलूस निकाला जा रहा है. बड़ी बात यह है कि इस मौन जुलूस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह शामिल होंगे, जो इसकी अगुवाई करेंगे. 


बता दें, इस अभियान के तहत इंदौर में कांग्रेस ने यह तय किया है कि वह लोगों को NOTA का बटन दबाने के लिए जागरूक करेगी. इंदौर में कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय बम के बीजेपी में शामिल हो जाने और नामांकन पर्चा वापस लेने के बाद कांग्रेस मैदान में नहीं है. ऐसे में कांग्रेस ने NOTA का विकल्प चुना है. कांग्रेस ने लोगों से NOTA बटन दबाकर बीजेपी को सबक सिखाने को कहा है.


बीजेपी पर कांग्रेस ने लगाया अपहरण का आरोप
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा था कि इंदौर में उनके प्रत्याशी का अपहरण कर लिया गया है और भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि इंदौर में राजनीतिक माफिया पनप रहे हैं, जो इंदौर के व्यवहार के अनुरूप नहीं है. इंदौर के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ जो इस बार हुआ है.


विजयवर्गीय ने 8 लाख वोटों से किया जीत का दावा
कांग्रेस की NOTA का बटन दबाने के लिए अभियान छेड़ने के बाद भारतीय जनता पार्टी पर लगातार हमलावर है. बीजेपी चाहती है कि चुनाव में कम से कम NOTA का दबे, इससे उसे फायदा मिलेगा. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया है कि इंदौर में बीजेपी 8 लाख मतों से जीतेगी और शंकर लालवानी इस बार इतिहास बनाएंगे.


सुमित्रा महजान कर चुकी हैं मुखालिफत
लोग कह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी को ऐसा करने की जरूरत नहीं थी. यह बात इंदौर की पूर्व सांसद और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी बोल चुकी है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारतीय जनता पार्टी को यह सब करने की आवश्यकता नहीं थी, इंदौर से भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी वैसे भी लाखों मतों से जीत रहा था.


वहीं अक्षय बम ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी से पर्चा वापस लिया है, उन पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं था. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस से मुझे समर्थन नहीं मिल रहा था.


मीडिया से चर्चा के दौरान अक्षय कांति बम ने कहा कि प्रचार प्रसार के लिए कार्यकर्ता तैयार नहीं थे, मेरी अपनी ही टीम मैदान में काम कर रही थी. इसलिए मैंने कांग्रेस को छोड़ा है. 29 अप्रैल को हुए इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस बीजेपी में सियासी तल्खियां बढ़ गई हैं और उठापटक का दौरा जारी है. इसी क्रम में कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ NOTA अभियान छेड़ दिया.


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