अचानक CM मोहन यादव के आवास पहुंचे दिग्विजय सिंह, 15 मिनट में क्या हुई बात?
Digvijaya Singh Meets Mohan Yadav: कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने मोहन यादव से मुलाकात की. 15 मिनट की बातचीत के बाद दोनों के बीच क्या चर्चा हुई, इस पर अटकलें लगाई जा रही हैं.
Digvijaya Singh Singh Mohan Yadav: मध्य प्रदेश की राजनीति में पारा तब हाई हो गया जब कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री आवास पहुंच कर सीएम मोहन यादव से मुलाकात की. दिग्विजय सिंह शुक्रवार 19 जुलाई करीब 5.30 बजे सीएम हाउस पहुंचे और 5.45 पर वहां से निकल गए. अब अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि इन 15 मिनट में कांग्रेस और बीजेपी के दोनों सीनियर नेताओं में क्या बात हुई है.
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह शुक्रवार शाम करीब 5.30 बजे अचानक से राजधानी भोपाल सीएम हाऊस पहुंचे. दिग्विजय सिंह के पहुंचने के बाद विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी आए. कांग्रेस नेता यहां करीब 5.45 बजे तक रुके और फिर रवाना हो गए. यूं अचानक से दिग्विजय सिंह के सीएम हाऊस पहुंचने से राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं.
सामने आई दिग्विजय सिंह-मोहन यादव के मुलाकात की वजह
बताया जा रहा है कि दिग्विजय सिंह नर्सिंग घोटाले से प्रभावित छात्र-छात्राओं की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास पहुंचे थे. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ कांग्रेस नेता विवेक त्रिपाठी भी थे. इसके अलावास नर्सिंग घोटाले के व्हिसल ब्लोअर रवि परमार ने मुख्यमंत्री को छात्रों की समस्याओं से अवगत करवाया.
छात्र छात्राओं की इन समस्याओं को लेकर चर्चा
1. नर्सिंग छात्र छात्राओं की परीक्षाओं के लंबे समय के बाद भी हजारों छात्र छात्राओं के परीक्षा परिणाम जारी नहीं किए गए.
2. सत्र 2021-22, 2022-23 के छात्र छात्राओं की नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी नहीं कर पाया विश्वविद्यालय ऐसे में परीक्षा कब होगी छात्र 3-4 साल से फर्स्ट ईयर में ही हैं.
3. PNST (प्री नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट) 2022 शासकीय नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PEB) द्वारा आयोजित करवाएं गई थी जिसमें 66 हज़ार छात्राओं ने परीक्षा दी थी लेकिन परीक्षा परिणाम आज तक जारी नहीं किए गए.
4. 66 अनसूटेबल (अपात्र) नर्सिंग कॉलेजों के हजारों छात्र छात्राओं को सूटेबल (पात्र) नर्सिंग कॉलेजों में शिफ्ट करने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करना चाहिए.
5. सरकार की लापरवाही की वजह से लाखों नर्सिंग के छात्र छात्राओं के जो 3 से 4 साल बर्बाद हुए हैं उसके एवज में सरकार को छात्र छात्राओं को फीस में रियायत देनी चाहिए.
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