Digvijaya Singh on Bajrang Dal: कर्नाटक से शुरू हुए बजरंग दल विवाद में कांग्रेस भले ही बैकफुट में आती दिख रही है, लेकिन उसके दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) इसे लेकर बेहद आक्रामक मुद्रा में हैं. वे लगातार बजरंग दल (Bajrang Dal) से जुड़े लोगों के आपराधिक मामले सामने लाकर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) पर हमला कर रहे हैं. बुधवार को जबलपुर में कांग्रेस दफ्तर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई तोड़फोड़ का जिक्र करते हुए दिग्विजय ने कहा कि क्या ऐसे असामाजिक लोगों को बीजेपी संरक्षण देना चाहती है? यह संस्कार भगवान राम और बजरंगबली के भक्तों का तो हो नहीं सकता.
बता दें कि कर्नाटक चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पीएफआई और बजरंग दल जैसे संगठनों पर बैन लगाने का वादा किया है. इसे मुद्दा बनाकर बीजेपी बेहद मुखर होकर कांग्रेस का विरोध करने लगी. यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर्नाटक में अपनी रैलियों में बजरंगबली को ताले में बंद करने का आरोप कांग्रेस पर मढ़ने लगे. इसके बाद कांग्रेस ने बीजेपी के प्रचार को काउंटर करने के लिए बजरंग दल से जुड़े लोगों के आपराधिक किस्सों को सामने लाना शुरू कर दिया. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने फ्रंट पर रहते हुए बीजेपी और बजरंग दल के खिलाफ मोर्चा संभाला है.
दिग्विजय सिंह बजरंग दल को समाज विरोधी बताते हुए लगातार ट्वीट कर रहे हैं. उनके निशाने पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. दिग्विजय ने यह भी कहा है कि साल 2000 में एमपी का सीएम रहते उन्होंने सिमी और बजरंग दल दोनों को प्रतिबंधित करने के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, लेकिन तत्कालीन केंद्र सरकार ने उसे स्वीकार नहीं किया. आइये जानते हैं कि दिग्विजय ने अपने ट्वीट में क्या लिखा है-
1. 'मोदी जी बजरंग दल की हिंसक गतिविधियों को लेकर मैंने 8 नवंबर 2021 को संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत को एक पत्र लिखा था, जिसकी कॉपी भेज रहा हूं. आपके द्वारा इस संगठन को धर्म के साथ जोड़ने का प्रयास बिल्कुल गलत और अशोभनीय है. (इस पत्र में दिग्विजय सिंह ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से जुड़े लोगों की समाज विरोधी गतिविधियों की जानकारी दी थी.)'
2. 'मोदी जी एक और प्रकरण. गोमांस के शक में पीट-पीट कर 2 आदिवासियों की हत्या, परिजनों ने हिंदू संगठन को बताया जिम्मेदार.(यह मामला मध्य प्रदेश के सिवनी जिले का है जहां गौ मांस तस्करी के आरोप में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दो आदिवासियों की हत्या कर दी थी.)'
3. 'मोदी जी, अमित शाह जी इस बजरंग दल नेता जिसने 2 लोगों की हत्या की है, इसके पास हथियारों का भंडार कहां से आया? ऑटोमैटिक रायफ़ल्स का लाइसेंस तो आम लोगों को मिलता नहीं है. इस बजरंग दल नेता के पास यह हथियार कहां से आये? क्या इसकी जांच करेंगे? मुझे नहीं लगता आप करायेंगे! आप का पैदल सैनिक (foot soldier) जो हैं. (यह मामला राजस्थान का है. बजरंग दल से जुड़े हरियाणा निवासी मोनू मानेसर पर 2 मुस्लिम युवकों को बोलेरो गाड़ी में जिंदा जलाने के केस दर्ज हुआ था.)'
4. 'माननीय मोदी जी, शिवराज जी जबलपुर में 'बजरंग दल' द्वारा इस कृत्य को हम धार्मिक कार्य कहें या गुंडा गर्दी? क्या मध्य प्रदेश पुलिस इन असामाजिक तत्वों पर कोई कार्यवाही करेगी? क्या ऐसे असामाजिक लोगों को भाजपा संरक्षण देना चाहती है? यह संस्कार भगवान राम और बजरंगबली के भक्तों का तो हो नहीं सकता.इन्हें धार्मिक संस्कारी भक्त, भाजपा ने यही संस्कार इन असामाजिक तत्वों को दिये हैं?(यह मामला कल बुधवार के जबलपुर का है,जब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस दफ्तर में तोड़फोड़ की थी).'
बजरंग के नाम पर किस पार्टी को चुनाव में कितना बल मिलेगा, यह तो कर्नाटक विधानसभा के नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन आरोपों की गदा बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे पर जमकर चला रहे हैं. वैसे, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस में बजरंग दल को बैन करने पर कोई चर्चा नहीं हुई है. मोइली के इस बयान को हिन्दू वोटों की नाराजगी दूर करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
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