Chhatarpur Violence Case: छतरपुर हिंसा मामले पर मध्य प्रदेश में सियासत तेज हो गयी है. भोपाल विधायक आरिफ मसूद और कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) का बयान सामने आया है. उन्होंने बुलडोजर की कार्रवाई पर सवाल उठाये हैं. दिग्विजय सिंह के मुताबिक हाजी शहजाद अली को गुनाहों का मुखिया घोषित करना संदेह पैदा करता है. पूर्व मुख्यमंत्री ने थाने पर पथराव की घटना का विरोध किया.

  


पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "छतरपुर में थाने पर पथराव का मैं समर्थन नहीं करता. लेकिन इसके आरोप में हाजी शहजाद अली का मकान ज़मींदोज़ करना, उनकी गाड़ियों पर बुलडोज़र चलाना और उसे गुनाहों का मुखिया घोषित करना भी संदेह पैदा करता है." 






बुलडोजर की कार्रवाई पर क्या बोले दिग्विजय सिंह?


दिग्विजय सिंह ने कहा कि पत्थरबाज़ी की घटना पर प्रशासन और नेताओं के बयानों में विरोधाभास है. उन्होंने कहा कि संदेह यह भी है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी नेता जिस घटना को पत्थरबाज़ी से जोड़ रहे हैं, स्थानीय कलेक्टर उसे अवैध निर्माण का मामला बता रहे हैं. प्रशासन और राजनीतिक लोगों के बयानों में विरोधाभास है.


दिग्विजय सिंह ने बिना नोटिस के घर तोड़ने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने पूछा कि कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किये बिना किसी व्यक्ति का घर कैसे तोड़ा गया? उन्होंने कहा, "सबसे बड़े कोतवाल सांसद बनकर उभरे और तुरंत बयान दे दिया कि पत्थर फेंकनेवालों के साथ यही सलूक किया जाएगा और उन्हें नेस्तनाबूद कर देंगे. क्या देश में न्यायालय की भूमिका ख़त्म हो गयी है? क्या स्थानीय पुलिस और सांसद ही क़ानूनी फ़ैसले लेने के लिए नियुक्त कर दिए गए हैं?"


बता दें कि विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर छतरपुर पुलिस की प्रशासन के साथ मिलकर की गयी कार्रवाई को न्याय व्यवस्था का उल्लंघन बताया है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी बुलडोजर की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है.


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