Madhya Pradesh: 'हम अपने गांव को राम राज में तब्दील करेंगे', एसपी पर फूटा दिग्विजय सिंह का गुस्सा
MP News: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने धार एसपी मनोज कुमार सिंह पर बीजेपी नेताओं को कार्यक्रमों में आमंत्रित करने और कांग्रेस के विधायक को नहीं बुलाने का आरोप लगाया है.
Khatla Panchayat In Dhar: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने धार (Dhar) जिले के एसपी मनोज कुमार सिंह (Manoj Kumar Singh) की खाटला पंचायत पर सवाल उठाते हुए तमाम आरोप लगाए हैं. दूसरी तरफ आईपीएस अधिकारी ने अपराध रोकने के लिए खाटला पंचायत को जरूरी बताया है.
दरअसल, धार( Dhar) जिले के एसपी मनोज कुमार सिंह द्वारा पूरे जिले में खटला पंचायत चला कर ग्रामीणों को अपराध रोकने और अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पुलिस की मदद करने का संकल्प दिलाया जा रहा है. इस खाटला पंचायत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा मध्य प्रदेश के कुछ अधिकारी भारतीय पुलिस और प्रशासनिक सेवा के स्थान पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की तरह काम कर रहे हैं."
मप्र में कुछ शासकीय अधिकारी भाजपा के कार्यकर्ताओं की तरह कार्य कर रहे हैं।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) June 5, 2023
हमारी उन सभी पर नज़र है। वे कृपया हमारे भारतीय संविधान के अंतर्गत नियम क़ानून के अनुसार ही कार्य करें।
वे भारतीय सेवा के अधिकारी हैं
भारतीय जनता पार्टी सेवा के अधिकारी नहीं हैं। https://t.co/axjCj3ptmx
एसपी मनोज कुमार सिंह पर लगाया आरोप
यही नहीं उन्होंने धार एसपी मनोज कुमार सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने धार जिले के कुक्षी में कार्यक्रम आयोजित किया. इस दौरान स्थानीय विधायक को सूचना तक नहीं दी गई. कुक्षी में कांग्रेस के विधायक है. उन्होंने यह भी कहा कि धार एसपी के कार्यक्रम में बीजेपी के नेता और प्रदेश के पदाधिकारी शामिल हुए. उन्होंने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय सेवा के अधिकारियों को किसी पार्टी के लिए काम नहीं करना चाहिए.
क्या होती है खाटला पंचायत ?
आदिवासी बाहुल्य इलाकों में बैठक या सम्मेलन नहीं समझा जाता है. आदिवासी इलाकों में खाटला बैठक होती है. खाटला बैठक का मतलब है कि खाट पर बैठकर आपस में बातचीत करना. धार एसपी मनोज कुमार सिंह ने घाटला पंचायत के माध्यम से धार ही नहीं बल्कि अलीराजपुर में भी अभियान चलाया था. उनका दावा है कि इस प्रकार की सामुदायिक पुलिसिंग से अपराधों में काफी हद तक कमी आती है. यदि आंकड़ों की बात की जाए तो 30 से 40 फीसदी अपराध कम होते हैं.
जिला बदला तो सामुदायिक पुलिसिंग का नाम बदला
वहीं आईपीएस अधिकारी और धार एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने इंदौर में सामुदायिक पुलिसिंग एकता जनसंवाद अभियान चलाया था. इसके बाद जब उनकी आगर मालवा में पोस्टिंग हुई थी, तो वहां पर जन सुरक्षा यात्रा के माध्यम से गांव-गांव में सामुदायिक पुलिसिंग की गई थी. इसके बाद उज्जैन में जीवन मित्र योजना के माध्यम से अपराधों को कम करने का प्रयास किया गया.
आईपीएस अधिकारी ने बताया कि जब अलीराजपुर और धार जिले में काम करने का अवसर मिला तो यहां पर खाटला पंचायत के माध्यम से लोगों को जोड़ा गया. इन पंचायत और अभियान का मुख्य उद्देश्य अपराध कम करना है.
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