MP Politics: 'नरसिम्हा राव शंकराचार्यों से करवाना चाहते थे मंदिर का कार्य, VHP से नहीं', दिग्विजय का बीजेपी पर हमला
MP Politics: अयोध्या में श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि शांति से ही भारत का विकास होगा. नफ़रत छोड़ो भारत जोड़ो.
Madhya Pradesh News: अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि सनातन धर्म के हर आयोजनों में हमारा नारा होता है “धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, हमारा कोई भी धार्मिक आयोजन बिना “शांति पाठ” के नहीं होता. फिर देश में अशांति क्यों फैलायी जा रही है.
‘दिग्विजय सिंह ने BJP, RSS और VHP को घेरा’
दिग्विजय सिंह ने अपनी पोस्ट में बीजेपी,आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद को घेरते हुए लिखा कि इतने व्यापक सोच के हमारे सनातन धर्म को आप संकुचित कर रहे हैं. भारत हमारा वह देश है जिसमें हर जाति धर्म संप्रदाय वर्ग को समान अधिकार हैं और हर व्यक्ति का सम्मान है. उसे मत बांटों. यह देश सभी का है. हम सब एक हैं. धरती पर सभी का ईश्वर एक है और सभी धर्मों का संदेश एक है. इंसानियत, उसका ही पालन करो, शांति से ही भारत का विकास होगा. नफरत छोड़ो भारत जोड़ो.'
सनातन धर्म के हर आयोजनों में हमारा नारा होता है “धर्म की जय हो
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 10, 2024 [/tw]
अधर्म का नाश हो
प्राणियों में सद्भावना हो
विश्व का कल्याण हो”
हमारा कोई भी धार्मिक आयोजन बिना “शांति पाठ” के नहीं होता।फिर देश में अशांति क्यों फैलायी जा रही है।
इतने व्यापक सोच के हमारे सनातन धर्म को आप…
‘शंकराचार्यों के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होने पर भी दी प्रतिक्रिया’
वहीं अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के चारों शंकराचार्य के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होने वाले बयान को लेकर दिग्विजय सिंह ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने इसीलिए चारों शंकराचार्य के साथ रामानन्द सम्प्रदाय के स्वामी रामनरेशाचार्य महाराज को सदस्य बना कर रामालय न्यास का गठन किया था और सबसे वरिष्ठ द्वारिका व ज्योतिषापीठ के शंकराचार्य स्व स्वामी स्वरूपानंद महाराज को उसका अध्यक्ष बनाया था. कांग्रेस मंदिर निर्माण धर्माचार्यों को सौंपना चाहती थी ना कि राजनैतिक लोगों को. मैं पहले भी कहना चाहता था. आरएसएस पूरे देश में सभी धर्म स्थानों पर क़ब्ज़ा करना चाहती हैं और सदियों पुरानी परंपराओं को समाप्त कर रही हैं. यह लोग समाज में “फूट डालो राज करो की राजनीति अपना रहे हैं.
‘धर्म समाज को जोड़ते हैं राजनीति समाज को बांटती है’
दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा कि पहले हिंदुओं मुसलमानों में फूट डाली फिर राम नाम को भाजपा व ग़ैर भाजपा में बांट दिया अब शंकराचार्य व रामानन्द सम्प्रदाय को बांट रहे हैं. चंपत राय संघ के प्रचारक हैं और उन्होनें राम भक्तों के चंदे से ज़मीन ख़रीदी में घपला कर भ्रष्टाचार किया. अब राम मंदिर के संचालन कर राम भक्तों की श्रद्धा से चढ़ाई हुई भेंट पर बीजेपी,आरएसएस का प्रचार करेंगे. सभी धर्म समाज को जोड़ते हैं राजनीति समाज को बांटती है. धर्म श्रद्धालुओं से मेरी प्रार्थना है धर्म से राजनीति अलग करो “सर्व धर्म सम भाव” का पालन करो.
'राम मंदिर निर्माण में किसी को कोई एतराज नहीं था’
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को एक्स पोस्ट के जरिए बीजेपी, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद को घेरा था. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि राम मंदिर निर्माण में किसी को कोई एतराज नहीं था. पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव यह कार्य सभी मान्यता प्राप्त शंकराचार्य द्वारा 'रामालय न्यास' के माध्यम से कराना चाहते थे, न कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उनके राजनीतिक संगठन भारतीय जनता पार्टी से, क्या सनातन धर्म का पालन करने वाले हमारे धर्म गुरु शंकराचार्य हैं या VHP/RSS/BJP जरा सोचिए.
कमलनाथ की भी आई थी प्रतिक्रिया
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की भी अयोध्या में श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर प्रतिक्रिया आई थी. उन्होंने कहा कि अयोध्या का राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बन रहा है. केंद्र में सरकार इस समय बीजेपी की है तो बनवाने की जिम्मेदारी उनकी है. बीजेपी के पास राम मंदिर का कोई पट्टा नहीं है.
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