Harda Factory Blast: हरदा पहुंचे दिग्विजय सिंह, पीड़ितों को सरकारी आवास देने की मांग, 6 महीने के अंदर नई पॉलिसी बनाने का भी दिया सुझाव
Harda Factory Blast: दिग्विजय सिंह ने मांग की कि घटनास्थल के आसपास कई ऐसे परिवार भी हैं, जिनके मकान टूटे हैं लेकिन उनके पास पट्टा नहीं है. उनको आवासीय पट्टे देना चाहिए.
Digvijaya Singh on Harda Factory Blast: मध्य प्रदेश के हरदा जिले में हुए अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद से ही यहां लगातार सत्ता पक्ष सहित विपक्ष के बड़े नेताओं का दौरा जारी है. इसी बीच रविवार शाम पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) हरदा के बैरागढ़ स्थित पटाखा फैक्ट्री के घटना स्थल पहुंचे थे, जहां उन्हें पहले तो प्रशासन ने जाने से रोक दिया. इसके करीब 15 मिनट बाद कुछ सीमित लोगों के साथ परमिशन दी गई.
हरदा के बैरागढ़ में बीते मंगलवार हुए फैक्ट्री विस्फोट की घटना के बाद रविवार शाम कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पीड़ितों से मिलने पहुंचे और घटना की जानकारी ली. हालांकि जिला प्रशासन ने दिग्विजय सिंह सहित तमाम कांग्रेसी नेताओं को घटना स्थल पर जाने से रोक दिया. कुछ समय तक चली बहस और जिला कलेक्टर की अनुमति के बाद दिग्विजय सिंह सहित पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, हरदा विधायक आरके दोगने और इनके साथ दो पीड़ितों को भी अंदर जाने दिया गया. वहीं, इनके साथ एसडीआरएफ की टीम के सदस्य भी मौजूद रहे.
इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने घटना में मृत हुए अयाज पिता शेराज के घर ग्राम रहटा खुर्द में पहुंचकर उसके परिवार के सदस्यों को सांत्वना भी दी.
दिग्विजय सिंह ने रखे ये सुझाव
दिग्विजय सिंह ने हरदा में घटना स्थल का मुआयना करने के बाद मीडिया से कहा कि देश में शिवकाशी सबसे बड़ा पटाखों का केंद्र है. मध्य प्रदेश सरकार को वहां से तत्काल सीखने और पॉलिसी बनाने की आवश्यकता है. फायर सेफ्टी के लिए कठोर नियम बनाते हुए आबादी के पास वाली फैक्ट्री को एक किलोमीटर के फ़ासले पर शिफ्ट करना चाहिए. साथ ही हम चाहते हैं कि इस घटना में प्रशासन की खामियां कहां-कहां रही हैं, उसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए. इसकी रिपोर्ट भी 6 महीने के अंदर आनी चाहिए. उसमें मालूम चलना चाहिए कि किन कारणों से यह हादसा हुआ और उसको लेकर क्या पॉलिसी बने.
पीड़ितों को सरकारी आवास देने की मांग
दिग्विजय सिंह ने मांग की कि घटनास्थल के आसपास कई ऐसे परिवार भी हैं, जिनके मकान टूटे हैं लेकिन उनके पास पट्टा नहीं है. फैक्ट्री के सामने की जमीन पर कई ऐसे परिवार हैं, जो शासकीय भूमि पर अपना मकान बना कर रह रहे थे. उनको आवासीय पट्टे देना चाहिए. जो शासकीय योजनाओं में मकान बन रहे हैं, उसमें उनको हक देना चाहिए. साथ ही वार्ड क्रमांक 1 में कुछ लोगों को झुग्गी झोपड़ी के पट्टे दिए गए थे, उनकी लीज भी अब समाप्त हो रही है. उनको अब लीज से हटकर फ्री होल्ड राइट के पट्टे दे कर उनका रजिस्टर्ड डीड होना चाहिए.
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