Dindori Missionary School News: मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में आदिवासी छात्राओं के साथ मिशनरी स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा छेड़छाड़ के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने बड़ा फैसला लिया है. डिंडोरी एसपी संजय सिंह को लापरवाही बरतने की वजह से होली के दिन तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया. इसकी जानकारी सीएम चौहान ने खुद ट्वीट करके दी. बता दें कि इस मामले में आरोपी प्रिंसिपल को थाने से ही छोड़ने को लेकर राष्ट्रीय बाल कल्याण आयोग ने सख्त नाराजगी जाताई थी. चीफ मिनिस्टर दफ्तर से किये गए ट्वीट में लिखा गया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विगत दिनों डिंडोरी में मिशनरी स्कूल के छात्रावास में हुए दुखद घटनाक्रम के परिप्रेक्ष्य में डिंडोरी एसपी को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं.
तीन आरोपी अभी भी फरार
डिंडोरी के मिशनरी स्कूल की आठ छात्राओं के यौन उत्पीड़न का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पुलिस द्वारा प्रिंसिपल को थाने से ही छोड़ देने के मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग की नाराजगी के बाद मंगलवार को पुलिस और प्रशासन एक बार फिर हरकत में आया. इसके साथ ही आरोपी प्रिंसिपल को दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया. पूर्व में उसे थाने से ही छोड़ देने वाले थाना प्रभारी को सस्पेंड भी कर दिया गया था. इस मामले में स्कूल के प्रबंधक सहित तीन आरोपी अभी भी फरार हैं. आरोपी को थाने से छोड़ देने की गलती एसपी संजय सिंह पर भारी पड़ गई.
बता दें कि डिंडोरी जिले की मिशनरी द्वारा संचालित जेडीईएस स्कूल में 8 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न का मामला पिछले कई दिनों से सुर्खियां बना हुआ है. इस मामले में पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई से नाराज राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मंगलवार को डिंडोरी पहुंचकर पीड़ित छात्राओं और उनके परिजनों से मुलाकात की. पुलिस और प्रशासन के साथ बैठक में कानूनगो ने जब आरोपी प्रिंसिपल मान सिंह यादव को एफआईआर होने के बावजूद थाने से छोड़ देने का मामला नाराजगी के साथ उठाया तो उन्हें आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा मिला था.
इसके बाद आनन-फानन में आरोपी प्रिंसिपल मान सिंह यादव को फिर गिरफ्तार कर लिया गया. इसी तरह प्रिंसिपल को थाने से छोड़ने वाले समनापुर के थाना प्रभारी विजय पटले को जिले के एसपी संजय सिंह ने सस्पेंड कर दिया. पूरे घटनाक्रम में प्रियंक कानूनगो ने प्रशासन को सात अलग-अलग एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए. इस मामले में एडिशनल एसपी जगन्नाथ मरकाम के मुताबिक स्कूल का प्रबंधक शनि टीचर खेमचंद और सिस्टर सविता के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है. अभी ये तीनों आरोपी फरार हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए जबलपुर मंडला बालाघाट सहित आसपास के जिलों में पुलिस की रवाना की गई है.
यौन उत्पीड़न का मामला आया था सामने
दरअसल, समनापुर थाना क्षेत्र के जुनवानी गांव में संचालित जेडीईएस मिशनरी स्कूल में आठ छात्राओं के यौन उत्पीड़न का मामला पिछले दिनों सामने आया था. स्कूल के हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने जिला बाल कल्याण अध्यक्ष के दौरे के समय उन्हें अपने साथ हो रहे यौन उत्पीड़न से अवगत कराया था. छात्राओं ने बताया था कि प्रिंसिपल मान सिंह यादव और शिक्षक खेमचंद अकेले में बुलाकर अश्लील हरकतें करते हैं. वे अगर बचकर निकलने की कोशिश करती है तो सिस्टर सविता उनकी पिटाई करती है. इस मामले की शिकायत स्कूल के प्रबंधक फादर शान से करने के बावजूद भी आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने स्कूल संचालक प्रदर्शनी प्रिंसिपल नाम सिंह यादव अतिथि शिक्षक खेमचंद और सिस्टर सविता के खिलाफ पास्को एक्ट सहित तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.
राष्ट्रीय बाल कल्याण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट करके आरोप लगाया है कि जिस संस्था में बच्चों का यौन शोषण हुआ उसे सरकार से फंडिंग मिल रही थी. एक ही परिसर में 4 अलग छात्रावासों के नाम पर सरकारी पैसा लिया जा रहा था. इसके साथ ही बच्चों से फीस भी ली जा रही थी. संस्था में बपतिस्मा करने और धर्मांतरण के प्रमाण भी मिले. हॉस्टल मानक के अनुरूप नहीं थे.
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