Pregnancy Test in Mukhyamantri Kanyadan Yojana: डिंडौरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (Mukhyamantri Kanyadan Yojana) के तहत हुआ सामूहिक विवाह पर विवाद का साया पड़ गया है. सामूहिक विवाह से पहले युवतियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने पर कांग्रेस ने शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया. कांग्रेस विधायक ओंकार मरकाम ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में शामिल होने वाले युवक-युवतियों को परेशान और बदनाम किया जा रहा है.


उन्होंने कहा कि शादी से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट बेटियों का अपमान है. मामले में स्वास्थ्य विभाग ने गोलमोल जवाब दिया है. गाड़ासराई इलाके में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया. सामूहिक विवाह सम्मेलन में 219 जोड़ों ने हिस्सा लिया.


शादी से पहले प्रेग्नेंसी टेस्ट कराए जाने पर बवाल


मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश मरावी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के मिले निर्देश पर रिपोर्ट तैयार करते हुए संबंधित विभाग को पहुंचा दी गई है. उन्होंने पूरे विवाद और आरोपों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की. हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि जो भी टेस्ट किए गए हैं, नियमानुसार और निर्देशानुसार हैं. बताया जाता है कि सामूहिक विवाह सम्मेलन में 219 जोड़े परिणय सूत्र में बांधे गए लेकिन कई लोगों के नाम मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की सूची से बाहर कर दिया गया.


कांग्रेस विधायक ने बताया बेटियों का घोर अपमान 


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत होने वाले विवाह समारोह में सरकार की ओर से दहेज की सामग्री और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. इसी का लाभ उठाने के लिए कई बार दोबारा विवाह के लिए भी जोड़े पहुंच जाते हैं. योजना में धांधली रोकने के लिए इस बार स्वास्थ्य विभाग को भी एक्टिव किया गया है. हालांकि अब कांग्रेस के मैदान में कूद जाने से सियासत गरमा गई है.


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