Madhya Pradesh: जल संकट के बीच डिंडौरी जिले की एक ग्राम पंचायत का अनोखा फरमान, लोगों ने दी ये प्रतिक्रिया
MP के डिंडौरी जिले में पानी के संकट के बीच एक ग्राम पंचायत ने ग्रामीणों को सिर्फ 2 डिब्बे पानी भरने का फरमान सुनाया है. इस मामले में पंचायत का कहना है कि इससे सभी लोगों को बराबर पानी मिल सकेगा.
MP Water Crisis News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में डिंडौरी (Dindori) जिले के अझवार ग्राम पंचायत के द्वारा एक व्यक्ति को सिर्फ दो डिब्बा पानी भरने का अनोखा फरमान जारी किया गया है. जिसके लिए ग्राम पंचायत ने पूरे गांव में बाकायदा मुनादी करवाई है. दरअसल करीब एक हजार की आबादी वाले अझवार गांव में पिछले कई दिनों से भीषण जलसंकट के हालात बने हुए हैं, लिहाजा पानी भरने के लिए हैंडपंप में लोगों की भीड़ लगी रहती है और पहले पानी भरने के चक्कर में लोगों के बीच विवाद की स्थिति बन जाती है.
आरोप है की गांव के कुछ प्रभावशाली लोग 25 से 30 डिब्बा लेकर हैंडपंप में डटे रहते हैं जिसके कारण गरीब मजदूर वर्ग के लोगों को पानी नहीं मिल पाता और ऐसे में विवाद की स्थिति बन जाती है. जलसंकट को ध्यान में रखते हुए और विवाद से बचने ग्राम पंचायत के द्वारा सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि एक व्यक्ति हैंडपंप से सिर्फ दो डिब्बा पानी ही भरेगा ताकि सभी वर्गों को बराबर पानी मिल सके. ग्राम पंचायत के इस फैसले की मुखिया द्वारा पूरे गांव में मुनादी कराई गई है और मुखिया के मुनादी का यही अंदाज सोशल मीडिया में जमकर वायरल भी हो रहा है. ग्राम पंचायत के इस फैसले की कोई निंदा कर रहा है तो कोई इसे प्रशासन व सरकार की नाकामी बता रहा है, लेकिन हकीकत यह है की ग्राम पंचायत के इस फैसले से गांव की बड़ी आबादी खुश दिखाई दे रही है.
स्थानीय लोग ग्राम पंचायत के फैसले से खुश
गौरतलब यह है की अझवार ग्राम में करीब पांच हैंडपंप है जिसमें 2 हैंडपंप की हालत ठीकठाक है, बाकी 3 हैंडपंप में पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है जिसके कारण 2 हैंडपंप में पानी भरने लोगों का हुजूम लगा रहता है. स्थानीय लोग ग्राम पंचायत के फैसले से बेहद खुश नजर आ रहे हैं और उन्होंने फैसले को सही बताया है. स्थानीय लोग यह जरूर कह रहे हैं कि दो डिब्बा पानी पर्याप्त नहीं है लेकिन पहले तो उन्हें दो डिब्बा पानी भी नसीब नहीं हो पाता था इसलिए वो पंचायत के फैसले से संतुष्ट दिख रहे हैं. अझवार ग्रामपंचायत के पोषक ग्राम अझवार रैयत में पीएचई विभाग के द्वारा लाखों रुपये की लागत से पानी टंकी व पाईपलाइन बिछाई गई थी जो सिर्फ शो-पीस बनकर रह गया है. ग्रामवासियों ने पीएचई विभाग के अफसरों पर लापरवाही व भ्रष्टाचार करने के आरोप भी लगाए हैं.
पंचायत ने कराई फैसले की मुनादी
पंचायत के फैसले की मुनादी करने वाले मुखिया कमोद प्रसाद बताते हैं कि वो सरपंच के आदेश पर मुनादी कर लोगों को सिर्फ दो डिब्बा पानी भरने के लिए आगाह कर रहे हैं और वो हैंडपंप के पास यह देखने के लिए तैनात भी रहते हैं की कोई व्यक्ति दो डिब्बा से ज्यादा पानी न भरे. ग्राम पंचायत के सरपंच भगत सांडया का कहना है की भीषण गर्मी के दौरान गांव के सभी लोगों को व्यवस्थित तरीके से पानी मिल सके इसलिए सर्वसम्मति से इस प्रकार का फैसला लिया गया है व जरूरत पड़ने पर ग्रामवासियों को पानी टैंकर के जरिये पानी मुहैया करवाने की बात कर रहे हैं. जलसंकट को लेकर पीएचई विभाग के अफसर व जिले के जिम्मेदार अधिकारी बंद कमरे में मैराथन बैठकें करने में व्यस्त हैं तो वहीं इलाके के सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते 2024 तक जलसंकट से निजात दिलाने का आश्वासन देकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.