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Singrauli News: अधिकारियों के आश्वासन से आजिज आकर विस्थापित ने दी आत्महत्या की धमकी, इतने साल से नौकरी के लिए भटक रहा है
MP News : इस मामले में डीएम राजीव रंजन मीणा ने कहा कि कंपनी प्रबंधन को इस बारे में आदेशित किया गया है. वहीं भगवान दास ने कहा कि अगर इस बार भी नौकरी नहीं मिली तो वो आत्महत्या के लिए बाध्य होंगे.
![Singrauli News: अधिकारियों के आश्वासन से आजिज आकर विस्थापित ने दी आत्महत्या की धमकी, इतने साल से नौकरी के लिए भटक रहा है Displaced man threatened to do suicide if not get job in Singrauli of MP ANN Singrauli News: अधिकारियों के आश्वासन से आजिज आकर विस्थापित ने दी आत्महत्या की धमकी, इतने साल से नौकरी के लिए भटक रहा है](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/05/10/3c3400713e6ca5a1428f1a6b86f96ea8_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सिंगरौली (Singrauli) जिले में एक भू विस्थापित नौकरी पाने के लिए पिछले 10 साल से कलेक्टर की जनसुनवाई में हाजिर होता है. हर जनसुनवाई में पिछले 10 साल में उसे आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है. अधिकारी उसे नौकरी मिलने का आश्वासन तो दे देते हैं, लेकिन कंपनी उसे नौकरी नहीं देती है. कंपनी प्रबंधन उसे नौकरी देने से इनकार कर देता है. इससे थक-हारकर वह अगली जनसुनवाई में फिर अपनी फरियाद लेकर पहुंच जाता है. और डीएम के सामने नौकरी के लिए मिन्नतें करता है. अब इस विस्थापित ने कहा है कि इस बार उसे नौकरी नहीं मिली तो उसके सामने आत्महत्या के सिवा कोई और रास्ता नहीं होगा.
कहां का है यह मामला
यह मामला जिले के रिलायंस सासन पावर प्रोजेक्ट का है. वहां सासन और सिद्धि खुर्द गांव के लोगों की जमीन तो कंपनी ने कौड़ी के दाम पर तो ले लिया लेकिन उसके बदले में वहां के प्रभावित लोगों को न तो नौकरी मिली और न ही रोजगार भत्ता, जिस वजह से सिद्धि खुर्द निवासी भगवान दास शाह पिछले 10 सालों से रिलायंस सासन पावर प्लांट में नोकरी पाने के लिए डीएम के जनसुनवाई और अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर लगा रहा है. लेकिन उसे आज तक नौकरी नहीं मिली है.
भगवान दास ने बताया कि वह कंपनी से विस्थापित है और नौकरी की पात्रता रखता है. उसने बताया कि पिछले 10 सालों से उसे डीएम की ओर से केवल आश्वासन ही मिला है कि नौकरी मिल जाएगी. उन्होंने बताया कि डीएम ने कई बार कंपनी प्रबंधन को इस बारे में पत्र भी जारी किया है, लेकिन डीएम के निर्देश के बाद भी कंपनी प्रबंधन उसे नौकरी देने से इनकार कर रहा है. ऐसे में अब अगर हम नौकरी नहीं मिलती तो आत्महत्या करने के लिए हमे बाध्य होना पड़ेगा.
कलेक्टर ने एक बार फिर दिया है आश्वासन
वहीं इस मामले में डीएम राजीव रंजन मीणा ने कहा कि कंपनी प्रबंधन को इस बारे में आदेशित किया गया है. हालांकि कंपनी और जिला प्रशासन के इस तरह के ढुलमुल रवैये से विस्थापित को नौकरी मिल पाएगी या नहीं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. फिलहाल मामले में कंपनी प्रबंधन को डीएम ने विस्थापित भगवान दास शाह को नौकरी देने के लिए आदेश दिया है.
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