Singrauli News: सिंगरौली में धिरौली कोल ब्लॉक में विस्थापन की प्रक्रिया शुरू, आठ गांवों के ग्रामीणों के साथ हुई जनसुनवाई
549.97 हेक्टेयर में फैले कोल ब्लॉक के लिए आठ गांवों के ग्रामीणों के साथ जनसुनवाई शुरू हुई. जनसुनवाई में अपनी मांग और परेशानी को जिला प्रशासन के सामने रखा.
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Dhiruli Coal Block: सिंगरौली जिले में अडानी ग्रुप को आवंटित धिरौली कोल ब्लॉक से प्रभावित गांवों में ग्रामीणों को विस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. प्रक्रिया की शुरुआत में बुधवार को आठ गांवों के ग्रामीणों की समस्याओं की सुनवाई की गई. इसके साथ ही पर्यावरण जनसुनवाई भी की गई. इस जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं एवं मांग को जिला प्रशासन और कंपनी प्रबंधन के सामने रखा.
गौरतलब है कि धिरौली कोल ब्लॉक प्रस्तावित धिरौली कोल माइंस परियोजना, कोयला मंत्रायलय, भारत सरकार के द्वारा स्ट्राटाटेक मिनरल रेसोर्सेस प्राइवेट लिमिटेड, अहमदाबाद को आवंटित किया गया है जो आठ गांवों (आमडांड, अमरईखोह, बेलवार, सिरसवाह, बासी बेरदहा, झलरी,धिरौली, फाटपानी और सिरसवाह) के 2672 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत है. इस कोल ब्लॉक में लगभग 620 मिलियन टन कोयले के भंडार हैं. यह परियोजना लगभग 87 वर्षों तक चलेगी. इसमें 40 वर्षों तक कोयले का उत्खनन खुली खदान के द्वारा प्रस्तावित है.
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धिरौली कोयला परियोजना से प्रति वर्ष 6. 5 मिलियन टन कोयला का उत्खनन किया जाना प्रस्तावित है. इस खनन परियोजना के संचालन के दौरान पर्याप्त मात्रा में रोजगार का सृजन होगा जिसके फलस्वरूप यहां के लोगों के आय में वृद्धि से जीवन स्तर बेहतर होगा. इस परियोजना से मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी.
जनसंपर्क अधिकारी शैलेन्द्र कांत सिंह ने बताया कि धिरौली परियोजना से प्रभावित होनेवाले सभी आठ गांवों के लोगों के पुनर्वास और पुनर्व्यस्थापन की व्यवस्था अधिनियम 2013 में निहित प्रावधान के तहत की जाएगी. जिला अधिकारी के विचार विमर्श से स्ट्राटाटेक मिनरल रेसोर्सेस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पुनर्वास और पुनर्व्यस्थापन के लिए पैकेज तैयार किया जाएगा इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय निर्धारित मानकों के आधार पर वायु गुणवत्ता, जल गुणवत्ता, जल संसाधन, ध्वनि स्तर, भूमि पर्यावरण, मृदा की गुणवत्ता के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया गया और पाया कि सभी निर्धारित मानकों के सीमा के अनुरूप हैं एवं समुचित पर्यावरणीय प्रबंधन योजना का प्रावधान भी रखा गया है.
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