MP News: दीपोत्सव के दौरान धन के देवता कुबेर की नाभि में इत्र लगाने से केवल कर्ज से मुक्ति ही नहीं बल्कि हमेशा भंडार भरे रहने का आशीर्वाद भी मिलता है. यही वजह है कि कुबेर के दरबार में भक्तों का तांता लगा रहता है. उज्जैन (Ujjain) में धन के देवता कुबेर की अति प्राचीन प्रतिमा है. जहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं.


कुबेर के पूजा करने से कर्जे से मुक्ति मिलती है


भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन के सांदीपनि आश्रम परिसर में धन के देवता कुबेर की भी गुप्तकालीन प्रतिमा विराजित है. मंदिर के पुजारी पंडित शैलेंद्र व्यास के मुताबिक कुबेर धन के देवता हैं और इनकी पूजा अर्चना करने मात्र से कर्जे से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा हमेशा धन का भंडार भरा रहता है. कुबेर देवता का आशीर्वाद देने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं. 


लोग इत्र लगा रहे और मेने चढ़ा रहे


कोई कुबेर देवता को इत्र लगा रहा है तो कोई उन्हें सूखे मेवे अर्पित कर रहा है. उन्होंने बताया कि देश में कुबेर की 3 प्राचीन प्रतिमाएं स्थापित हैं, जिसमें कुबेर बैठे हुए प्रतीत होते हैं. इनमें तिरुपति बालाजी और केदारनाथ के बाद मध्य भारत स्थित उज्जैन में कुबेर का मंदिर स्थापित है.  


उन्होंने बताया कि उत्तर, दक्षिण और मध्य भारत में तीन दुर्लभ प्रतिमाओं के दर्शन करने मात्र से मनोकामना पूर्ण होती है. यही वजह है कि दूर-दूर से श्रद्धालु दीपोत्सव के दौरान कुबेर देवता का आशीर्वाद लेने के लिए आ रहे हैं. 


धनतेरस से दीपावली तक देते हैं आशीर्वाद


पंडित शैलेंद्र व्यास के मुताबिक दीपोत्सव के दौरान धनतेरस से लेकर दीपावली पर्व तक कुबेर देवता का आशीर्वाद लेने के लिए भक्त आते रहते हैं. श्रद्धालु आरती सिंह ने बताया कि वे हर साल इंदौर से आशीर्वाद लेने के लिए आ रही हैं. उन्होंने यह भी बताया कि भगवान कुबेर देवता के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं लौटता है.


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