MP News: विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान फुलझड़ी और पटाखे जलाकर दीपावली पर्व की शुरुआत की गई. यहां पर त्योहार की शुरुआत सबसे पहले होती है. इसके बाद देशभर में पर्व मनाया जाता है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शामिल भगवान महाकालेश्वर को तीनों लोगों का राजा माना जाता है. महाकालेश्वर मंदिर में सभी धार्मिक उत्सव और पर्व की सबसे पहले शुरुआत होती है. यह परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है. रविवार को महाकालेश्वर मंदिर में एक बार फिर अनूठी परंपरा का निर्वहन किया गया. 


महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी महेश गुरु ने बताया कि, भगवान महाकाल के दरबार में भव्य भस्म आरती के दौरान राजाधिराज महाकाल को दूध, दही, इत्र, फलों के रस, शहह आदि से स्नान कराया गया. इसके बाद महाकालेश्वर महाराज को भांग, सूखे मेवे, चंदन, फूल, फल से सजाया गया. भगवान का श्रृंगार करने के बाद भव्य भस्म आरती हुई, जिसमें भक्त और भगवान ने दीपावली पर्व मनाया. महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान पंडित और पुरोहित परिवार द्वारा फुलझड़ी जलाकर भगवान की आरती की गई. इस दौरान नंदी हाल में बैठे भक्तों ने भी फुलझड़ी जलाकर दीपावली मनाई.


महाकाल को लगाता हैं सबसे पहले अन्नकूट


महाकालेश्वर मंदिर में अन्नकूट की परंपरा भी सबसे पुरानी है. यहां पर सबसे पहले अन्नकूट लगाया जाता है, जिसके बाद देश भर के मंदिरों में अन्नकूट लगता है. महाकालेश्वर मंदिर दर्शन करने आई सविता सिंह ने बताया कि, भगवान महाकाल के साथ भस्म आरती में दीपावली पर मनाने का जो अवसर मिला है. उसे वे जीवन भर नहीं भूल पाएंगी. उन्होंने यह भी बताया कि, भक्त और भगवान के बीच त्यौहार मनाने की परंपरा काफी पुरानी है.



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