2nd Day of Bhopal AIIMS Doctors Strike: भोपाल एम्स के जूनियर डॉक्टर दूसरे दिन भी बुधवार को हड़ताल पर रहे. जूनियर डॉक्टरों ने एम्स परिसर में मौन रैली निकालकर कोलकाता की घटना का विरोध किया. हड़ताली डॉक्टर पीड़िता को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहे थे. डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से एम्स की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. एम्स में दूर दूर से आए मरीज दूसरे दिन भी परेशान देखे गए. कैंसर मरीजों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. 


भोपाल स्थित एम्स में मध्य प्रदेश के कई जिलों से मरीज पहुंचते हैं. 40 से ज्यादा ओपीडी में नंबर लगाने के लिए मरीजों को कई-कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है. एबीपी संवाददाता ने एम्स में मरीजों के परिजनों से बातचीत कर परेशानियों को जानने की कोशिश की.


अलग-अलग तीन जिलों से आए कैंसर पीड़ितों के परिजनों ने बताया कि ओपीडी सेवा बंद मिली. बता दें कि एम्स के जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी का भी बहिष्कार किया है. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण एम्स की स्वास्थ्य सेवा चरमरायी हुई है. सीनियर डॉक्टरों पर काम का दबाव बढ़ गया है. फॉलोअप जूनियर और रेसिडेंट डॉक्टर्स ओपीडी में देखते हैं.


भोपाल एम्स के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मुश्किल में मरीज


गौरतलब है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में गुरुवार-शुक्रवार की रात जूनियर डॉक्टर के साथ दंरिदगी की घटना हुई थी. चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न हालत में महिला डॉक्टर का शव बरामद हुआ था. मृतका मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और ट्रेनी डॉक्टर थी. कोलकाता की घटना का विरोध देशभर में किया जा रहा है. आंदोलनकारी डॉक्टर प्रॉक्टशन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं. भोपाल एम्स के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर चले गये हैं. एम्स के 800 रेजिडेंट और जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. 


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