Ujjain Donkey Fair 2023: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर कई दशक से उज्जैन में गधों का मेला लग रह रहा है. इस बार भी बड़ी संख्या में व्यापारी अपने गधों को लेकर कार्तिक के मेले में खरीद फरोख्त करने पहुंचे हैं. व्यापारियों का कहना है कि गधों की कीमत पर महंगाई का असर नहीं पड़ा है. आज भी गधे 2000 से शुरू होकर 20000 रुपये तक बिक रहे हैं. यह कीमत कई सालों से स्थिर है.
उज्जैन के कार्तिक मेला प्रांगण में कार्तिक पूर्णिमा पर देश भर के गधा व्यापारी एकत्रित होते हैं. व्यापारी श्याम सिंह ने बताया कि केवल मध्य प्रदेश ही नहीं बल्की गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के व्यापारी भी कार्तिक पूर्णिमा पर उज्जैन आते हैं. यहां पर लंबे समय से कार्तिक मेला प्रांगण में गधों का मेला लगता आया है. इसी मेले के साथ कार्तिक मेले की शुरुआत होती है. व्यापारी श्याम सिंह ने बताया कि इस बार 20000 रुपये तक के गधे बिकने के लिए आए हैं, जबकि शुरुआती कीमत की बात की जाए तो अच्छी नस्ल का गधा 10000 रुपये में मिल रहा है. व्यापारी कालू सिंह ने बताया कि वैसे तो गधे की कीमत 2000 रुपये से शुरू हो जाती है, मगर 5000 रुपये से अधिक कीमत के गधों की अधिक बिक्री होती है.
मशहूर एक्टरों के नामों पर गधे
गधों की खरीदी बिक्री करने वाले व्यापारी गजब के नाम रखकर गधों को मेले में लाते हैं. किसी गधे का नाम शाहरुख रखा जाता है तो किसी का सलमान, किसी गधे को राजा नाम दिया जाता है. व्यापारी हरिराम ने बताया कि गधों के नाम से भी कुछ लोगों का आकर्षण जुड़ा रहता है.
इस कार्य में होता है गधों का उपयोग
ऐसी तंग गलियां जहां से बिल्डिंग मटेरियल ले जाना मुश्किल होता है, वहां पर गधों का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा अधिकांशत गधों का उपयोग ईट व्यापारी करते हैं. एक व्यापारी अपना भत्ते में पीली मिट्टी लाने ले जाने से लेकर ईट तैयार करने तक के कामों में लगातार गधों का उपयोग करते हैं.
दांत और उम्र देखकर लगती है कीमत
खरीददार गधों की कीमत उनके दांत और उम्र को देखकर तय करते हैं. व्यापारी श्याम सिंह ने बताया कि गधों की उम्र तकरीबन 20 साल होती है. ऐसे में 10 साल तक गधे भरपूर काम करते हैं. इसके बाद धीरे-धीरे उनकी क्षमता खत्म हो जाती है. गधों के 2, 4, 6, 8 दांत होते हैं, जिन्हें देखकर भी कीमत लगाई जाती है.
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