Sagar: यूनिवर्सिटी में फर्जी मार्कशीट से बना असिस्टेंट प्रोफेसर, कोर्ट ने सुनाई तीन साल की सजा
Sagar: मध्य प्रदेश के सागर में डॉ हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय (Dr HSG University) के पत्रकारिता विभाग में फर्जी मार्कशीट से सहारे असिस्टेंट प्रोफेसर का पद पाने वाले आरोपी को तीन साल की सुनाई है.
Dr HSG University Sagar Fake Marksheet Case: मध्य प्रदेश के सागर में डॉ हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी (Dr HSG University) के पत्रकारिता विभाग में फर्जी मार्कशीट से असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी पाने वाले आरोपी को कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई. अदालत ने आरोपी संतोष पिता परमलाल अहिरवार, उम्र 39 साल, निवासी अहमदनगर का बगीचा वृंदावन वार्ड सागर को दोषी पाते हुए धारा 420 और धारा 471 में 3 साल का कठोर कारावास व 10 हजार रूपये का अर्थदण्ड से दंडित करने का आदेश दिया. राज्य शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक आशीष गोपाल चतुर्वेदी द्वारा की गई.
इस मामले को लेकर पत्रकारिता विभाग के पूर्व छात्र ने शिकायत की थी और फिर फर्जी मार्कशीट से असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी पाने वाले आरोपी पर एक्शन हुआ. जिला अभियेाजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि डॉ हरि सिंह गौर विवि के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के पूर्व छात्र फरियादी डॉ. अनिल किशोर पुरोहित ने जन शिकायत प्रकोष्ठ के माध्यम से 26 अगस्त 2016 को पुलिस अधीक्षक सागर को इस आशय का लिखित आवेदन प्रस्तुत किया था. जिसमें उसने बताया था कि डॉ हरि सिंह गौर विवि पत्रकारिता और जनसंचार विभाग में नवनियुक्त सहायक प्राध्यापक संतोष कुमार अहिरवार ने अपने आवेदन में निर्धारित योग्यता के संबंध में बीसीजे ( BCJ) की फर्जी मार्कशीट से नौकरी पाई है.
इस मामले में अनिल किशोर द्वार विश्वविद्यालय के कुलपति को अभ्यावेदन दिया गया. वहीं कुलपति द्वारा कार्यवाही न किए जाने पर उसने 22 जुलाई 2016 को लिखित शिकायत की कि संतोष द्वारा विश्वविद्यालय में प्रस्तुत की गई बीसीजे की मार्कशीट फर्जी है. इतना ही नहीं उसने यह भी बतया कि संतोष की असल मार्कशीट के अनुसार वह फेल है. फर्जी मार्कशीट के आधार पर संतोष कुमार ने सहायक प्राध्यापक के पद पर अवैध नियुक्ति प्राप्त की है, संतोष कुमार के सेवा रिकार्ड में बार-बार मार्कशीट बदलने का प्रयास किया गया.
आरोपी संतोष कुमार की मार्कशीट का वेरिफिकेशन माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से कराया गया था. जिसमें पाया गया कि संतोष कुमार बीसीजे 2008 के छठवें सेमिस्टर में फेल है. फरियादी की उक्त शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई. फिर इस आवेदन पत्र पर थाना सिविल लाइन द्वारा जांच की गई, इस जांच में यह बात सामने आई कि साल 2012-13 में पत्रकारिता और जनसंचार विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर संतोष कुमार अहिरवार की जर्नलिज्म की फर्जी मार्कशीट के आधार पर नियुक्ति की गयी. फिर इस विवेचना के दौरान आरोपी संतोष अहिरवार से पूछताछ की गयी और आरोपी संतोष अहिरवार को गिरफ्तार किया गया.
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