MPPSC News: IT कंपनियों का ऑफर छोड़ घर पर ही की तैयारी, जबलपुर की बेटी ने पहले प्रयास में क्लियर की MPPSC, बनीं डिप्टी कलेक्टर
Jabalpur News: जबलपुर की एक ड्राइवर की बेटी ने प्रथम प्रयास में ही MPPSC 2019 की परीक्षा क्रैक की है. हरनीत ने टॉप 10 में छठा स्थान प्राप्त कर डिप्टी कलेक्टर की रैंक हासिल की है.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC-2019) की परीक्षा में जबलपुर की बेटी हरनीत कौर कलसी ने डिप्टी कलेक्टर की रैंक हासिल की है. हरनीत ने अपने पहले ही अटेम्प्ट में टॉप 10 में छठा स्थान प्राप्त कर जबलपुर का गौरव बढ़ाया है. हरनीत कहती हैं कि उन्होंने ये सफलता अपने माता-पिता के सहयोग और परिश्रम से हासिल की है. उन्होंने कहा इसके लिए मैं अपने परिवार की बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे खुद पर विश्वास करने और अपने सपनों को कभी न छोड़ने के लिए प्रेरित किया. मेरी मां रंजीत कौर कलसी और बड़ी बहन नवजोत कौर घई इस यात्रा में मेरी शक्ति का आधार हैं.
पहले ही प्रयास में क्रैक की MPPSC परीक्षा
जबलपुर के हाथीताल इलाके की लक्ष्मी कॉलोनी निवासी हरनीत कौर कलसी ने प्रथम प्रयास में ही MPPSC 2019 की परीक्षा क्रैक की है. इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हरनीत ने टॉप 10 में छठा स्थान प्राप्त कर डिप्टी कलेक्टर का पद प्राप्त करने में बड़ी सफलता हासिल कर नगर और प्रदेश का गौरव बढ़ाया है. बेहद साधारण परिवार में जन्मी हरनीत के पिता मालवाहक वाहन चलाकर परिवार की जीविका चलाते थे. कोविड के बाद उन्होंने अपना वाहन बेच दिया और ग्वारीघाट गुरुद्वारा में सेवा देने लगे.
हरनीत के पिता ड्राइवरी कर चलाते थे घर
हरनीत ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुओं के अलावा माता-पिता, बहन नवजोत कौर घई, जीजाजी पदम घई और परिवार के अन्य सदस्यों के अतुलनीय सहयोग को दिया. हरनीत के पिता हरदीप सिंह कलसी कोरोना के पहले मालवाहक वाहन चलाकर न केवल परिवार का भरण पोषण करते रहे बल्कि बच्चों को अच्छी शिक्षा भी दिलाई. उनकी मां रणजीत कौर कलसी गृहणी हैं, जबकि छोटा भाई मनदीप सिंह कलसी एमटेक की पढ़ाई कर रहा है.
तमाम आईटी कंपनियों में भी हुआ था हरनीत का सिलेक्शन
हरनीत बताती हैं कि उसने शुरू से सिविल सर्विस में जाने का मन बनाया था. इसी वजह से वह कॉलेज में कैंपस सिलेक्शन में भाग नहीं लेती थी. शुरूआत में उसकी नौकरी तमाम आईटी कंपनियों में लग गई थी लेकिन उसने उन्हें जॉइन नहीं किया. इसके बाद हरनीत ने कैंपस सिलेक्शन में भाग लेना बंद कर दिया ताकि किसी दूसरे स्टूडेंट का नुकसान ना हो.
हरनीत ने सिविल सर्विस की तैयारी घर पर रहकर ही की. इसमें उसकी मदद बड़ी बहन ने भी की, जो फिलहाल एक स्टार्टअप कंपनी चलती हैं. हरनीत बताती हैं कि उसने यूट्यूब और गूगल के माध्यम से भी एग्जाम की तैयारी की. बता दें कि हरनीत कौर ने जबलपुर के गुरु गोविंद सिंह खालसा विद्यालय से शालेय शिक्षण के बाद श्रीराम इंजीनियरिंग कॉलेज से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक किया है. वे इस दौरान दोनों ही शिक्षण संस्थानों में प्रत्येक ब्रांच में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली सर्वश्रेष्ठ और मेधावी छात्रा भी रही है.
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