Dussehra 2022: मध्य प्रदेश के इस जिले में दामाद स्वरूप पूजे जाते हैं दशानन, घूंघट में महिलाएं होती हैं सामने
Vijayadashami: विजयादशमी पर रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन होता है. मगर मध्य प्रदेश के एक इलाके में रावण की पूजा होती है. मंदसौर रावण वध या रावण दहन की परंपरा नहीं है.
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Vijayadashami 2022: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है. दशहरा या विजयादशमी नवरात्रि के बाद दसवें दिन मनाया जाता है. भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था. राम की विजय के प्रतीक स्वरूप दशहरा 'विजयादशमी' कहलाता है. विजयादशमी पर रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन होता है. मगर मध्य प्रदेश (MP) के एक इलाके में बुराई का प्रतीक रावण की पूजा (Ravana Pujan) होती है. मंदसौर (Mandsaur) में रावण की पूजा के लिए एक विशालकाय मूर्ति बनाई गई है.
रावण के पैर में इस वजह से बांधा जाता है रक्षा सूत्र
मान्यता है कि रावण के पैर में रक्षा सूत्र बांधने से बीमारियां दूर होती हैं. रावण को मंदसौर का दामाद माना जाता है. रावण की पत्नी मंदोदरी के नाम से ही मंदसौर का नाम रखा गया है. पहले मंदसौर का नाम मंदोत्तरी हुआ करता था. मंदसौर के खानपुरा इलाके में रावण को दामाद मानकर पूजा की जाती है. खासतर पर नामदेव समाज की महिलाएं रावण के सामने बिना घूंघट नहीं जाती हैं. मंदसौर के रहने वाले राजेश नामदेव बताते हैं कि प्राचीन काल से परंपरा चली आ रही है.
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यहां नहीं है रावण दहन और रावण वध की परंपरा
मंदसौर में रावण का ससुराल था. इसलिए मंदसौर में रावण दहन और रावण वध की परंपरा नहीं है. लोगों का कहना है कि रावण से बड़ा कोई शिवभक्त नहीं था. इसलिए रावण की पूरे क्षेत्र में पूजा होती है. पूजा के लिए रावण की एक विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है. लोग मनोकामना पूरी करने और बीमारी दूर करने के लिए रावण के पैर में रक्षा सूत्र भी बांधते हैं. लोगों के बीच आस्था है कि रक्षा सूत्र बांधने से मांगी गई मुराद पूरी होती है. लोगों के मुताबिक प्रतिमा का रंग रोगन और मरम्मत का कार्य नगरीय निकाय के माध्यम से जिला प्रशासन समय-समय पर करवाता है.
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