Vijayadashami 2022: दशहरा पर्व पर रावण दहन करने की देश भर में अलग-अलग परंपराओं का निर्वहन किया जाता है. भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन (Ujjain) में राजाधिराज के आदेश से रावण दहन (Ravan Dahan) होता है. भगवान महाकाल (Mahakal) विजयादशमी पर्व पर पालकी में सवार होकर दशहरा मैदान पहुंचते हैं. राजाधिराज भगवान महाकाल को धार्मिक नगरी उज्जैन का राजा माना जाता है. उनकी आज्ञा के बिना कोई भी त्योहार संपन्न नहीं होता है. यही वजह है कि दशहरा पर्व पर भी महाकाल के आदेश पर भगवान श्री राम रावण का दहन करते हैं. इस दौरान अनूठी परंपराओं का निर्वहन भी प्राचीन समय से होता आ रहा है.
महाकाल के आदेश से होता है रावण दहन
महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) के पुजारी प्रदीप गुरु का कहना है कि तीनों लोकों के स्वामी राजाधिराज भगवान महाकाल विजयादशमी पर्व पर पालकी में सवार होकर निकलते हैं और दशहरा मैदान पहुंचते हैं. दशहरा मैदान पर शमी के वृक्ष नीचे भगवान का विधि विधान से पूजन होता है. इसी क्षेत्र में रावण दहन भी किया जाता है. उन्होंने बताया कि महाभारत काल में पांडवों ने अपने शस्त्र भी शमी के वृक्ष नीचे छुपाए थे. शमी के वृक्ष नीचे भगवान महाकाल की पूजा कर पालकी दशहरा मैदान से रवाना होती है. इसके बाद रावण दहन किया जाता है.
साल में एक बार नए शहर जाती है पालकी
भगवान महाकाल की सवारी सावन-भादौ के साथ-साथ कार्तिक और अगहन माह में भी निकलती है लेकिन वर्ष में एक बार राजाधिराज भगवान महाकाल दशहरा पर्व पर पालकी में सवार होकर नए शहर पहुंचते हैं. इस दौरान भगवान महाकाल का पलक पावड़े बिछा कर स्वागत किया जाता है. राजाधिराज भगवान महाकाल के दर्शन करने देशभर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं.
Dussehra 2022: इंदौर में रावण का मंदिर, रोज सुबह 10:10:10 बजे विशेष पूजा करता है गौहर परिवार
सीएम शिवराज भी होंगे सवारी में शामिल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दशहरा पर्व पर उज्जैन पहुंचने वाले हैं. आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोपहर 3 बजे उज्जैन पहुंचेंगे. इसके बाद भगवान महाकाल की सवारी में शामिल होंगे. इतना ही नहीं दशहरा मैदान पर स्थित मुख्य समारोह में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शिरकत करेंगे. इसके बाद इंदौर के लिए शाम 7 बजे रवाना हो जाएंगे.