(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Indore ED Raids: ड्रेनेज घोटाले में बड़ी कार्रवाई, इंदौर में निगम अकाउंटेंट के ठिकानों पर ईडी का छापा
ED Raids In Indore: इंदौर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर निगम के अकाउंटेंट अनिल गर्ग के ठिकानों पर छापा मारा है. यह कार्रवाई महालक्ष्मी नगर और आजाद नगर में की गई है.
Indore News: इंदौर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है. नगर निगम में अकाउंटेंट अनिल गर्ग के ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा है. यह कार्रवाई महालक्ष्मी नगर और आजाद नगर में की जा रही है. अनिल गर्ग पर फर्जी बिल लगाकर करोड़ों रुपये का घोटाला करने का आरोप है. ईडी की टीम ने उनके घर और दफ्तर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं. इस कार्रवाई से उम्मीद है कि ड्रेनेज घोटाले के और भी खुलासे होंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ड्रेनेज घोटाले को लेकर छापा
सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई ड्रेनेज घोटाले को लेकर की जा रही है. अनिल गर्ग पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी बिल लगाकर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है. ईडी की टीम ने अनिल गर्ग के घर और दफ्तर पर छापा मारा है. ईडी की टीम महत्वपूर्ण दस्तावेज इकट्ठा कर रही है. ED को आशंका है कि अनिल गर्ग द्वारा नगर निगम में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी बिल लगाकर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है. यह घोटाला ड्रेनेज व्यवस्था में सुधार के नाम पर किया गया है. ईडी की इस कार्रवाई से उम्मीद है कि ड्रेनेज घोटाले के और भी खुलासे होंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इंदौर में ड्रेनेज बिल घोटाले का मामला
इंदौर में ड्रेनेज बिल घोटाले की जांच में बीते दिनों बड़ा खुलासा हुआ. पुलिस ने 22 फाइलों की जांच की, जिसमें पता चला कि राहुल बडेरा और मोहम्मद जाकिर के हस्ताक्षर जांच में मिले हैं लेकिन अन्य अधिकारियों के हस्ताक्षर नहीं मिले हैं.
100 करोड़ से अधिक का घोटाला
इन फाइलों से 100 करोड़ से अधिक के घोटाले का पता चला है. कुछ ठेकेदारों और आईएमसी के अधिकारियों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. ठेकेदारों ने फर्जी बिल तैयार किए और बिना ड्रेनेज का काम किए अपने बैंक खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए.
अभी तक 12 लोग गिरफ्तार
अब तक इस मामले में 12 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें आईएमसी के सहायक अभियंता अभय राठौर भी शामिल हैं. पुलिस ने कई फाइलें बरामद की हैं और उन्हें जांच के लिए भेजा है ताकि ठेकेदारों और अधिकारियों की भूमिका का पता चल सके.
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