MP News in Hindi: जुलाई में मानसून शहर पर मेहरबान रहा. शहरवासियों को झमाझम बारिश के नजारे भी देखने को मिले. कभी रिमझिम तो कभी तेज बारिश के बारिश के बीच मौसम परिवर्तन भी हो रहा है. कभी तेज धूप तो कभी बारिश. इस परिवर्तन का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है, जिसके चलते अस्पतालों में बुखार-सर्दी के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. जिले के सबसे बड़े अस्पताल एमवाय की ओपीडी में ही रोजाना 100 से 150 मरीज पहुंच रहे हैं. दस्त से पीड़ित 15 से 20 मरीज अलग-अलग क्षेत्रों से इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. फंगल इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है. डॉक्टरों के अनुसार बारिश में बैक्टीरिया ज्यादा पनपते हैं. किसी अन्य के तौलिए, साबुन, कपड़े का प्रयोग करने से बचें. भीगने के बाद तुरंत कपड़े बदले. 


किस अस्पताल में कितने मरीज 
एमवाय अस्पताल में ठंड के साथ बुखार व दस्त से पीड़ित मरीजों की संख्या यहां पर बढ़ी है.लगभग 100 मरीज रोजाना ओपीडी में बुखार से पीड़ित पहुंच रहे हैं. वहीं जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना दो सौ के लगभग मरीज पहुंच रहे हैं. सिविल सर्जन डॉ.जीएल सोढ़ी के अनुसार इसमें मौसमी बुखार से ग्रस्त मरीज भी 10 से 15 प्रतिशत तक रहते हैं. हुकुमचंद पॉली क्लीनिक में रोजाना डेढृ के लगभग मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं.इनमें से 15 से 20 फीसदी मरीज मौसमी बुखार से पीड़ित रहते हैं. 


अस्पतालों में नही हैं पर्याप्त इंतजाम 
मध्य प्रदेश प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों को देखने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं. हम बात कर रहे हैं इंदौर के एमवाय अस्पताल की. इस अस्पताल में प्रतिदिन 2 हजार मरीज ओपीडी में देखे जाते हैं.यहां कभी ओपीडी में डॉक्टर तो कभी बाकी का स्टाफ नजर नहीं आता है. मरीजों के उपचार के नाम पर औपचारिकता पूरी करके इतिश्री की जा रही है. मरीजों के लिए उपलब्ध शासकीय सेवाओं में कमी को देखते हुए नवागत संभागायुक्त ने लगातार दो दिनों तक विभिन्न शासकीय अस्पतालों का दौरा किया. इस दौरान कमिश्नर को कई खामियां भी मिलीं जिन पर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए.


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