Electoral Bonds Scheme: सुप्रीम कोर्ट के इलेक्टोरल बांड्स पर रोक के फैसले पर राजनीतिक दलों की ओर से प्रतिक्रिया आने लगी है. मध्य प्रदेश से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि ये योजना एक पार्टी के हित में थी और विपक्ष को खत्म करने के लिए थी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से कॉर्पोरेशन पैसा डोनेट कर रहे थे, इसका मतलब यही था रूलिंग पार्टी को फायदा पहुंचाने को लेकर स्कीम बनाई गई थी.
सांसद विवेक तंखा ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि," मुझे अत्यंत खुशी हुई है कि आज सुप्रीम कोर्ट ने जो इलेक्टोरल बॉन्ड की स्कीम है, उस पर पूरी तरह रोक लगा दी है. इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को निर्देश दिया है कि वह एसबीआई से पूरी डिटेल लेकर अपनी वेबसाइट में कंपनी के डोनेशन के बारे में पब्लिश करें. ये अत्यंत आवश्यक था, प्रजातंत्र को खत्म करने वाली स्कीम थी."
विवेक तंखा ने क्या कहा?
विवेक तंखा ने आगे कहा कि, यह एक पार्टी के हित में थी, विपक्ष को खत्म करने के लिए थी. जिस तरह से कॉर्पोरेशन पैसा डोनेट कर रहे थे, इसका मतलब यही था रूलिंग पार्टी को फायदा पहुंचाने को लेकर स्कीम बनाई गई थी. प्रजातंत्र की यह जीत है. सुप्रीम कोर्ट को फैसले के लिए धन्यवाद देता हूं." यहां बताते चले कि सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार (15 फरवरी 2024) को अपने ऐतिहासिक फैसले में चुनावी बॉन्ड स्कीम (Electoral Bond Scheme) को असंवैधानिक करार दिया है. दरअसल, हाल में संसद के बजट सत्र के दौरान सरकार ने बताया कि एसबीआई से 30 चरणों में कुल 16 हजार 518 करोड़ रुपये का चुनावी बॉन्ड खरीदा गया है.
वहीं सरकार ने अपने जवाब में ये भी कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना का मकसद ये सुनिश्चित करना है कि बैंकों के रास्ते टैक्स का भुगतान करने के बाद क्लीन मनी पॉलिटिकल फंडिंग में आये. संसद में अंतरिम बजट पेश होने के चार दिनों के बाद ही 5 फरवरी 2024 को कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने प्रश्नकाल में वित्त मंत्री से सवाल किया कि अब तक कुल कितना चुनावी बॉन्ड खरीदा जा चुका है. साथ ही चुनावी बॉन्ड के खरीद पर जीएसटी या फिर टैक्स या सेस वसूलकर सरकार ने कितनी कमाई की है. इस पर वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा भारतीय स्टेट बैंक से कुल 30 चरणों में कुल 16 हजार 518 करोड़ रुपये का चुनावी बॉन्ड अब तक खरीदा जा चुका है. वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि चुनावी बॉन्ड खरीदने वाले से चुनावी बॉन्ड की खरीदारी करने पर कोई जीएसटी, टैक्स या सेस नहीं लगता है.
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