Power Crisis: बिजली को लेकर MP में मच सकता है हाहाकार, पावर प्लांट में बचा सिर्फ साढ़े तीन दिन का कोयला
Power Crisis in MP: मध्य प्रदेश में बिजली संकट गहरा सकता है. राज्य में बिजली उत्पादन की बैक बोन कहे जाने वाले थर्मल पावर स्टेशन (Thermal Power Station) में सिर्फ साढ़े तीन दिन का कोयला (Coal) बचा है.
Electricity Problem in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आने वाले दिनों में बिजली (Electricity) को लेकर हाहाकार मच सकता है. राज्य में बिजली उत्पादन की बैक बोन कहे जाने वाले थर्मल पावर स्टेशन (Thermal Power Station) में सिर्फ साढ़े तीन दिन का कोयला (Coal) बचा है. मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में लोड शेडिंग यानी अघोषित बिजली कटौती भी बढ़ती जा रही है, इसे लेकर किसानों में खासी नाराजगी देखी जा रही है.
बिजली की मांग और आपूर्ति
बीते दिन यानी 24 अप्रैल को मध्य प्रदेश में बिजली की पीक सप्लाई 12386 मेगावाट थी. जबकि बिजली की डिमांड 14000 मेगावाट के आसपास थी. बिजली के क्षेत्र से जुड़े जानकारों के मुताबिक अगर डिमांड-सप्लाई का आंकड़ा देखें तो मध्य प्रदेश में फिलहाल प्रतिदिन 1000 से 1500 मेगावाट बिजली की कमी है.
राज्य में कोयले की स्थिति
अमरकंटक थर्मल पावर स्टेशन, अमरकंटक
210 मेगावाट उत्पादन क्षमता
49000 मिलियन टन कोयले का स्टॉक
3500 मीट्रिक टन प्रतिदिन कोयले की खपत
15 दिन का कोयला स्टॉक/स्थिति सामान्य
संजय गांधी थर्मल पावर स्टेशन, बिरसिंगपुर पाली
1340 मेगावाट उत्पादन क्षमता
30800 मीट्रिक टन कोयले का स्टॉक
22500 मीट्रिक टन प्रतिदिन कोयले की खपत
डेढ़ दिन का कोयला स्टॉक/स्थिति क्रिटिकल
सतपुड़ा थर्मल पावर स्टेशन, सारनी
1330 मेगावाट उत्पादन क्षमता
55400 मीट्रिक टन कोयले का स्टॉक
18200 मीट्रिक टन प्रतिदिन कोयले की खपत
3 दिन का कोयला स्टॉक/स्थिति क्रिटिकल
श्रीसिंगा जी थर्मल पावर स्टेशन, खंडवा
2520 मेगावाट उत्पादन क्षमता
1051100 मीट्रिक टन कोयले का स्टॉक
36300 मीट्रिक टन प्रतिदिन कोयले की खपत
4 दिन का कोयला स्टॉक/स्थिति क्रिटिकल
ऐसे हैं हालात
राज्य बिजली बोर्ड के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर राजेन्द्र अग्रवाल के मुताबिक प्रदेश में वर्तमान में सभी चार थर्मल पावर स्टेशन की बिजली उत्पादन क्षमता 5400 मेगावाट प्रतिदिन की है. फिलहाल इनके पास कोयले का स्टॉक 2 लाख 86 हजार 300 मीट्रिक टन का है. प्रतिदिन कोयले की खपत 80 हजार मीट्रिक टन की है. इस हिसाब से सिर्फ साढ़े 3 दिन का कोयला थर्मल पावर स्टेशन के पास बचा है. ये केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की तरफ से तय मानक का सिर्फ 14 प्रतिशत है जबकि ऑल इंडिया लेवल पर ये 33 प्रतिशत है. ये बेहद गंभीर स्थिति है जिसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चिंतित हैं. बताते हैं कि सोमवार को भोपाल में हाई लेवल मीटिंग में शिवराज ने अधिकारियों की जमकर क्लास भी ली.
क्या बोले सीएम
प्रदेश में विद्युत की मांग और आपूर्ति के संबंध में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नागरिकों को बिना बाधा के विद्युत आपूर्ति मिलती रहे. पारम्परिक ऊर्जा उत्पादन के साथ ही नवकरणीय ऊर्जा के साधनों का भी उपयोग किया जाए.
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